नई दिल्ली : सिर्फ 800 रुपये में होगा आरटी-पीसीआर टेस्ट, केजरीवाल सरकार ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्लीवालों को बड़ी राहत देते हुए आरटी-पीसीआर के टेस्ट की कीमत में भारी कमी की है। लोग अब 1000 से भी कम कीमत में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करा सकेंगे। यह निजी लैब पर भी लागू होगा। बता दें कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में यह जांच मुफ्त है, जबकि निजी लैब आरटी-पीसीआर के लिए अब तक 2400 रुपये वसूल रहे थे। ताजा आदेश के तहत 800 रुपये में आरटी-पीसीआर की जांच कराई जा सकेगी, वहीं सैंपल के होम कलेक्शन के लिए 400 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, इस तरह यह टेस्ट 1200 रुपये का हो जाएगा। कुलमिलाकर आम लोगों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सिर्फ 800 रुपये में ही होगा।
दिल्ली सरकार के आदेश और पत्र जारी होने के बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत आधी से भी कम हो गई है। दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के लिए किए जाने वाले RT-PCR टेस्ट की कीमत 2400 से घटाकर 800 रुपये करने का आदेश दिया है। सोमवार सुबह खबर आई थी कि दिल्ली में आरटी-पीसीआर परीक्षणों की दरें कम की जाएंगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी दी थी, 'मैंने निर्देश दिया है कि दिल्ली में आरटी-पीसीआर परीक्षणों की दरें कम की जाएं, जहां पर सरकार के प्रतिष्ठानों में परीक्षण निःशुल्क किए जा रहे हैं। इससे निजी लैब/अस्पतालों में कोरोना का टेस्ट कराने वालों को मदद मिलेगी।'
वहीं, केजरीवाल के इस निर्देश पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि जल्द ही इस बाबत आदेश जारी कर दिया जाएगा। अब जहां शाम होते-होते राजधानी में दाम 800 रुपये निर्धारित कर दिए जाते हैं। आपको बता दें कि फिलहाल दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आरटी-पीसीआर जांच के लिए एक भी पैसा नहीं देना पड़ता है, यहां पर फ्री टेस्ट किए जाते हैं। हालांकि, प्राइवेट अस्पतालों/लैब में आरटी-पीसीआर की जांच के लिए लोगों को 2400 रुपये देने पड़ते थे।
कोरोना वायरस महामारी के बीच महंगे टेस्ट को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते मंगलवार को पूरे भारत में समान रूप से COVID-19 के लिए RT-PCR टेस्ट के लिए अधिकतम दर तय करने के लिए जनहित याचिका पर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी। वकील अजय अग्रवाल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें कहा गया था कि RT-PCR टेस्ट की कीमत पूरे देश में एक समान होनी चाहिए। याचिका में कहा गया, 'अलग-अलग राज्यों में टेस्ट की कीमत 900 से लेकर 2800 रुपये तक है। इसे 400 रुपये तक ही रखा जाना चाहिए।' मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया था।