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मुंबई : महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार के एक साल पूरा होने पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद इस सरकार को चुल्लूभर पानी में डूब मरना चाहिए। पिछले एक साल में विपक्ष को धमकी देने के अलावा इस सरकार किया क्या है? उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कम से कम महाराष्ट्र को दिशा दिखाने वाली बात करेंगे, लेकिन यहां के इतिहास में ऐसा धमकी देने वाला मुख्यमंत्री नहीं देखा।

शनिवार को महाराष्ट्र बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री के एक साल पूरे होने पर वह बताता है कि उसने एक साल में क्या काम किया है और आने साल में वह क्या करेंगे, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को देखिए, वे विपक्ष को धमकी दे रहे हैं। हां, इस सरकार ने हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को बंद करने के अलावा क्या किया? कम से कम एक काम तो गिनाएं कि पिछले एक साल में उन्होंने क्या किया है? राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग नहीं करुंगा, लेकिन हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी से स्पष्ट है कि राज्य में संविधान का उल्लंघन हो रहा है।’

फडणवीस ने फिर दोहराया कि इस सरकार में कोई तालमेल नहीं है। बिजली के बिलों में राहत देने के बाबत कांग्रेस नेता व कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण कहते हैं कि ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कोई चर्चा ही नहीं की। उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात कहते हैं चर्चा हुई थी। उर्जा मंत्री कहते हैं उप मुख्यमंत्री अजित पवार से चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ठाकरे कहते हैं, जो निर्णय लेना है ले लो। ऐसी स्थिति तो 15 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस-एनसीपी के समय में भी नहीं आई थी। 

फडणवीस ने कहा कि, इस सरकार के मुखिया दावा करते हैं कि कोविड से निपटने में उनकी सरकार पूरी तरह से सफल रही, जबकि देश में सबसे ज्यादा कोविड के मरीज महाराष्ट्र में मरे। देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में पाए गए। लोग सड़कों पर मरे हैं। तीन-तीन दिन तक शव ऐसे पड़े रहे। शौचालय में 7-7 दिन तक शव पड़े रहे। मरने वालों के शव बदल दिए गए, फिर भी मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि कोविड काल से निपटने में हम सफल रहे। हां, यह सरकार कोविड के नाम पर प्रचंड भ्रष्टाचार करने में जरूर सफल रही। कोविड काल के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे को 100 से ज्यादा पत्र लिखे, लेकिन किसी का जवाब नहीं दिया।

मुख्यमंत्री ठाकरे द्वारा पार्टी मुखपत्र में दिए इंटरव्यू का उल्लेख करते हुए फडणवीस ने कहा कि ये सिर्फ और सिर्फ धमकाते हैं। उन्हें धमकी देने के अलावा कुछ आता है क्या, लेकिन हम लोग डरने वाले लोग नहीं है। इन्होंने मोदी के नाम पर वोट मांगा था। तीन दलों की यह सरकार विश्वासघात से बनी है। मुख्यमंत्री आए दिन विपक्ष के लिए जिस भाषा का उपयोग करते हैं, वह भाषा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देती। परिजन को निशाना बनाने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि जो राजनीति में है, उस पर टीका-टिप्पणी होगी ही, शिवसेना नेताओं ने तो मेरी पत्नी को लेकर ट्विटर पर तमाम टिप्पणी की।

बीजेपी नेता फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि स्थानीय निकायों के चुनाव तीनों दल मिलकर लड़ेंगे, लेकिन इनकी अलग-अलग विचारधारा है। विधान परिषद की स्नातक व शिक्षक सीट पर होने वाले चुनाव में साफ दिखाई दे रहा है। पुणे में कांग्रेस का उम्मीदवार है, जहां एनसीपी कांग्रेस उम्मीदवार की बजाय अपनी पार्टी के विरोधी उम्मीदवार के लिए वोट मांग रही है। फडणवीस ने दावा किया कि असल में महा विकास आघाडी सरकार के तीनों दलों में बीजेपी की इतनी दहशत है कि तीनों दल सभी चुनाव मिलकर लड़ने की बात कर रहे हैं, पर इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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