डॉक्टर को मारा था थप्पड़, एक लाख रुपये जुर्माना
मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे ने एक शख्स पर भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उसके एक डॉक्टर को थप्पड़ मारने को लेकर किया गया है। खुद को सोशल वर्कर बताने वाले इस व्यक्ति ने कोविड मरीज की मौत के बाद डॉक्टर को थप्पड़ मारा था।
कोर्ट ने कोरोना काल में मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर को थप्पड़ मारने वाले शख्स को आदेश दिया कि वह सीएम रिलीफ फंड में एक लाख रुपये जमा करे। यह एक लाख रुपये उसे गिरफ्तारी से पहले अंतरिम जमानत के तौर पर देने का आदेश दिया गया है।
कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 से जिस मरीज की मौत हुई, उसके परिवार का दुख समझा जा सकता है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना काल में डॉक्टर, नर्स और दूसरे मेडिकल स्टाफ निस्वार्थ मरीजों के लिए काम कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में ऐसे लोगों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया गया है।
आरोपी शख्स पर बारामती पुलिस ने केस दर्ज किया था। कोर्ट ने आरोपी को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था। कि चिकित्सा बिरादरी खुद हमले के लिए मौखिक और शारीरिक रूप से अक्षम थे... उनकी मेहनत की सराहना की जानी चाहिए। अगर उन्हें पुरस्कृत नहीं कर सकते उनके कार्य को ध्यान में ही रखना चाहिए।
शिवाजी जाधव (28) ने अपने वकील श्रीराम चौधरी के जरिए कोर्ट में कहा कि उसके एक नजदीकी रिश्तेदार की मौत होने की सूचना उसे मिली। हो सकता है कि उसने कुछ ज्यादा ही रिएक्ट कर दिया हो। कोर्ट ने आरोपी के इस जवाब को संतोषपूर्ण नहीं माना। कोर्ट ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए, सरकारी वकील एसवी गावंद ने कहा कि प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि जाधव चेतावनी के बावजूद बारामती अस्पताल में परामर्श कक्ष में गए। डॉक्टर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, नर्सों के साथ भी मौखिक दुर्व्यवहार किया और एक डॉक्टर को मुक्का मारा।
अदालत ने जाधव के पश्चाताप को नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि जाधव को अपने लापरवाह काम के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उसे ऐसे मसय में कुछ योगदान देना चाहिए। डॉक्टर सुजीत अदसुल ने कहा कि अचानक कोविड मरीज की मौत के बाद उनके और मेडिकल स्टाफ के बाद जो व्यवहार हुआ उससे वे लोग बहुत तनाव में आ गए। जाधव को 25,000 रुपये तत्काल जमा करे के बाद गिरफ्तारी से पहले जमानत दी गई। लेकिन सीएम के कोष में 1 लाख रुपये जमा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। एक लाख रुपये जमा नहीं करने पर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।