Latest News

मुंबई : सभी बैंक अपने ग्राहकों को समय-समय पर चेतावनी देती हैं कि किसी अनजान व्यक्ति से अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर या ओटीपी नंबर शेयर नहीं करें। इसके बावजूद लोग साइबर अपराधियों के झांसे में पड़कर अपनी मेहनत की कमाई चंद पलों में गंवा बैठते हैं। साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली के अनुसार, इन दिनों साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका निकाल लिया है। आजकल ये अपराधी बिना ओटीपी जाने बैंक होल्डरों के खाते से पैसे उड़ा सकते हैं।

कोरोना काल में डिजिटल भुगतान का तरीका काफी बढ़ गया है। लोग इन दिनों फोन और इंटरनेट बैंकिंग का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते साइबर अपराध भी काफी बढ़ गए हैं। अपराधी ग्राहकों को फोन कर उन्हें 'किसी तरह की मदद करने का ऑफर' देते हैं। इस तरह से वे झांसे में फंसाकर ग्राहकों के फोन या लैपटॉप में कुछ ऐप डाउनलोड करवा देते हैं। इस सेंधमार मोबाइल ऐप के माध्यम से ग्राहकों के निजी बैंकिंग जानकारी चुराकर उन्हें चूना लगा देते हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधी 'टीम व्यूवर' या 'क्विक सपोर्ट' जैसी ऐप की मदद से ग्राहकों के फोन या कंप्यूटर पर अधिकार कर उनके सिस्टम को न सिर्फ हैक कर लेते हैं, बल्कि सिस्टम को ठीक भी कर सकते हैं और पैसे भी चुरा सकते हैं।

साइबर अपराध से ऐसे बचें

-ऐप को डाउनलोड करते समय आईडी भरोसेमंद को ही दें।

-एप की आईडी बताने से पर्सनल जानकारी चोरी होने का खतरा

-बिना वजह डाउनलोड नहीं करें कोई अनजान ऐप

-सिस्टम में खराबी आने पर व्यक्तिगत जानकार से ही कराएं ठीक

Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement