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नई दिल्ली : सीबीआई (CBI)  की ओर से घोषित 5 लाख रुपये के इनामी टीचर को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा है. इसकी पहचान 50 साल के धवल त्रिवेदी उर्फ मुख्तियार सिंह उर्फ सतनाम सिंह उर्फ सुजीत सिंह के तौर पर हुई है.   पुलिस अधिकारियों की मानें तो टीचर को कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जबकि वह पैरोल पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया और नाम बदल-बदल कर रहने लगा. गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में दोषी मानते हुए आजीवन करावास की सजा सुनाई थी.

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि यह शख्स इन दिनों हिमाचल प्रदेश में छुपा हुआ है. क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने छापामारी कर इसको धर दबोचा. आरोपी यहां पर एक कारखाना में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था.

आरोपी ने बताया कि उसके पिता प्रोफेसर थे. उसने गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई की थी उसके बाद पढ़ाने लगा. उसकी पहली शादी साल 1996 में हुई पर कुछ महीने बाद पत्नी की मृत्यु हो गई. उसने फिर साल 1998  शादी की और एक बेटी है. लेकिन साल 2002 में वह पत्नी से अलग हो गया.

एक छात्रा के साथ यौन शोषण के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने टीचर धवल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और वह पैरोल पर बाहर के बाद फरार हो गया. फिर मामले की जांच मुंबई सीबीआइ को सौंपी गई. इस दौरान वह लगातार नाम बदल कर अलग-अलग स्थानों पर रह रहा था. 

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