वसई-विरार क्षेत्र में कुल 1,048 इमारतें जर्जर
विरार : महाड में इमारत दुर्घटना के बाद वसई- विरार में भी खतरनाक इमारतों में रहने वालों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस वर्ष जारी आंकड़ों के अनुसार वसई- विरार शहर मनपा क्षेत्र में कुल 1,048 खतरनाक इमारतें हैं. जिसमें रहने वाले हजारों परिवार अब भी मौत के साये में जी रहे हैं.
इस वर्ष वसई-विरार मनपा के नौ वार्डों में 1,048 खतरनाक इमारतों की सूची जारी की है,जिनमें 198 इमारतें बेहद खतरनाक हैंं, जिन्हे तत्काल जमींदोज करने की जरूरत है. 360 इमारतें खतरनाक हैं और उन्हें मरम्मत करवाने की जरूरत है, जबकि 352 इमारतों की मरम्मत की तत्काल आवश्यकता है. इन सभी खतरनाक इमारतों में 6,840 परिवार रहते हैं और 700 से अधिक दुकानें हैं. आशंका व्यक्त की जा रही है कि बारिश के मौसम में ये इमारतें कभी भी ढह सकती हैंं. इन सभी इमारतों को ध्वस्त करने के लिए मनपा ने नोटिस जारी किया है.दूसरी ओर कोरोना संकट के कारण कुछ परिवार उन्हीं जर्जर इमारतों में रहने को मजबूर है, क्योंकि कारोबार बन्द होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है और अतिरिक्त बोझ उठाना इस वक़्त उनके लिए संभव नहीं है. वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने अपनी क्षमता अनुसार मरम्मत कराया है.
निजी इमारतों में रहने वाले लोगों को ट्रांजिट कैंपों में समायोजित नहीं किया जा सकता. इसलिए, मनपा उन्हें सिर्फ इमारत ध्वस्त करने के लिए नोटिस दे सकती है. हालांकि, अभी तक किसी भी खतरनाक इमारत को खाली नहीं कराया गया है. जिन लोगों को नोटिस दी गई है, उनके घरों को तत्काल ध्वस्त करना चाहिए. मनपा अधिकारी राजेंद्र लाड ने बताया कि गम्भीर स्थिति में लोगों को रखने के लिए मनपा ने कई सरकारी विद्यालय, हॉल और अन्य स्थानों की चिन्हित कर रखा है. जरूरत पड़ी तो उसका इस्तेमाल होगा, लेकिन मनपा के पास उनके अस्थायी आश्रय के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है.