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मुंबई : पूर्वी उपनगर इलाके में चेंबूर से लेकर ठाणे के बीच पूर्व एक्सप्रेस हाइवे से लगकर बीएमसी 5000 बेड का अस्पताल बनाएगी. अस्पताल बनाने के लिए 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. बीएमसी ने जमीन के लिए निविदा निकाली है. जमीन अधिग्रहण के लिए निकाली गई निविदा में कहा गया है कि  बिल्डर या जिसके पास इतनी जमीन है वे बीएमसी से संपर्क करें. 

कोरोना वायरस का संक्रमण  होने के बाद बीएमसी के अस्पतालों में जगह की कमी हो गई थी. मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्थाई कोविड अस्पताल का निर्माण करना पड़ा. पूर्वी उपनगर में 5000 बेड का परमानेंट अस्पताल बनने से मुंबई, ठाणे सहित एमएमआर के संसर्ग जन्य रोग से पीड़ित मरीजों का उपचार हो सकेगा.

मुंबई में अभी कस्तूरबा अस्पताल है जिसमें संसर्ग जन्य रोगों का इलाज होता है. कोरोना महामारी में बेड और मानवबल की कमी होने का मामला सामने आया था. 20 जुलाई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में आयोजित बैठक में 5000 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की गई थी. मुख्यमंत्री के आदेश पर बीएमसी ने जमीन अधिग्रहण के लिए निविदा जारी की है. 

निविदा में स्पष्ट किया गया है कि जमीन साफ सुथरी होनी चाहिए. जमीन अतिक्रमण मुक्त हो और टाइटल भी क्लीयर होना चाहिए. बीएमसी प्रशासन ने गुरुवार को निकाली अपनी निविदा में 45 दिन के भीतर जमीन की निविदा भरने के लिए कहा है. मनपा प्रशासन के पास ऑक्ट्रॉय नाका की जमीन है, लेकिन वह इसलिए नहीं ले पा रही है क्योंकि उस जमीन पर कई तरह का आरक्षण है. मनपा ने बिल्डर और जमीन मालिक से वही जमीन देने कहा जिसका कागजात ठीक हो. जमीन पर सीआरजेड और नमक की खेती का आरक्षण न हो. मनपा जमीन खरीद कर खुद का 5 हजार खाट का अस्पताल बनाना चाह रही है. किसी निजी संस्था को अस्पताल बनाने और मरीज को सुविधा देने में शामिल नहीं करना चाहती  है. बीएमसी का कहना है कि कोरोना के कारण अस्थायी अस्पताल बनाने पर जितना खर्च हो गया उतने में नया अस्पताल बन जाता.


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