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मुंबई : देश में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस का असर मुंबई पर पड़ा है. कोरोना संकट के बीच मुंबई में गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. गणेशोत्सव के दौरान जुटने वाली भीड़ के कारण कोरोना का प्रसार रोकने के लिए बीएमसी ने सख्त कदम उठाए हैं. बीएमसी ने  गणेश आगमन और विसर्जन के समय 5 व्यक्ति से ज्यादा इकट्ठा होने पर रोक लगाने के साथ ही चिकनी मिट्टी की बनी छोटी गणेश मूर्तियां घर में बिठाने का आव्हान किया है. बीएमसी ने चेतावनी दी है कि यदि नियमों का पालन नहीं हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

घरेलू गणेश मूर्तियों को लाते समय और विसर्जन के समय भीड़ पर रोक रहेगी. आगमन के लिए केवल 5 व्यक्ति रहने चाहिए. फेस मास्क, फेस  शील्ड, सेनिटायइर,  सोशल डिस्टेसिंग का सख्ती से पालन होना चाहिए. घरेलू गणेशोत्सव के लिए चिकनी मिट्टी से बनी मूर्ती हो जिसकी ऊंचाई 2 फिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. संभव हो तो इस बार घर में रखी धातु की मूर्ति या संगमरमर की मूर्ति का पूजन करें. इससे आगमन और विसर्जन के लिए भीड़ कम करने और परिवार को कोराना संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी. 

बीएमसी ने कहा है कि गणेश मूर्ति की स्थापना करने वाले लोग घर पर आने वाले दर्शनार्थी भक्तों के लिए मास्क पहनने का आग्रह जरुर करें साथ ही सेनेटाइजर की व्यवस्था करें. गणेश मूर्तियों  का विसर्जन यदि संभव हो तो माघ गणेशोत्सव या 2021 भाद्र पक्ष माह में अगले विसर्जन के समय करें. चिकनी मिट्टी या पर्यावरण पूरक मूर्ति का विसर्जन घर पर अथवा नजदीकी कृत्रिम विसर्जन स्थल पर करें. गणेशोत्सव के समय यदि घर या इमारत कोरोना कंटेनमेंट जोन में है तो प्रतिबंधित क्षेत्र के सभी नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा. 

विसर्जन के समय एक साथ 5 व्यक्ति से अधिक न हों. प्राकृतिक विसर्जन स्थल पर विसर्जन के लिए जाना टालें. घरेलू मूर्ति का विसर्जन करते समय पूरी चाल, इमारत के निवासी एकत्र हो कर विसर्जन यात्रा में न जाएं. विसर्जन के समय पारंपरिक पद्धति से विसर्जन स्थल पर होने वाली आरती घर पर ही करें. स्वयं की सुरक्षा के लिए विसर्जन के अवसर पर मास्क, शील्ड आदि सुविधाओं का सख्ती के साथ उपयोग करें. छोटे बच्चे और बुजुर्ग विसर्जन के लिए न जाएं. 

मुंबई महानगरपालिका, पुलिस प्रशासन की तरफ से जारी किए गए नियमों का कठोरता से पालन करें.उत्सव के दौरान कोरोना वायरस फैले ऐसा कोई कार्य करने पर महामारी अधिनियम 1897, और आपदा  निवारण कानून 2005, और भारतीय दंड संहिता 1860 कानून के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी बीएमसी ने दी है.


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