मुंबई : ऑनलाइन शिक्षा ने पकड़ी रफ्तार
मुंबई : बीएमसी स्कूल के शिक्षकों द्वारा ली जा रही ऑनलाइन पाठशाला ने रफ्तार पकड़ ली है. बड़े-बड़े निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई चलन पहले से जारी है, लेकिन बीएमसी के शिक्षक और विद्यार्थी भी किसी से पीछे नहीं हैं. बीएमसी के शिक्षकों द्वारा व्हाट्सएप, जूम और गूगल क्लास पर ली जा रही ऑनलाइन पाठशाला को विद्यार्थियों का काफी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है.अब तक 2 लाख से भी अधिक विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
लॉकडाउन के बाद से स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और अभिभवकों को यह चिंता सता रही थी कि आगे पढ़ाई कैसे होगी. स्कूल अब भी बंद हैं. इसी बीच तीसरी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का आदेश राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को दिया. ऐसे में बीएमसी ने 15 जून से ही विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत कर ली. बीएमसी स्कूल के शिक्षण अधिकारी महेश पालकर ने बताया कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए हमने भी अपने विद्यार्थियों तक पहुंचने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया. तीसरी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के कुल 2 लाख 96 हजार विद्यार्थियों में से अब तक 2 लाख 22 हजार विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ ले रहे हैं.
महेश पालकर ने बताया कि विद्यार्थियों तक विभिन्न एप के माध्यम से पहुंचा जा रहा है, लेकिन व्हाट्सएप पर विद्यार्थियों का काफी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. शिक्षक रोजाना विद्यार्थियों व्हाट्सएप के माध्यम से स्टडी मटेरियल भेजते हैं.
बीएमसी स्कूल के शिक्षकों द्वारा जूम और गूगल क्लास पर विद्यार्थियों की लाइव ऑनलाइन क्लास ली जाती है.क्लास के अंत में विद्यार्थियों को अपने सवाल पूछने का अवसर भी दिया जाता है.
विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग भी बहुत जरूर है. ऐसे में बीएमसी ने 10 हजार बीएमसी स्कूल के शिक्षकों व अनुदानित और बिना अनुदानित स्कूल के 10 हजार शिक्षकों को ऑनलाइन पाठशाला लेने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
महेश पालकर ने बताया कि स्कूल कब खुलेंगे, इसको लेकर अब भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन प्रशासन यह विचार कर रहा है कि जिस क्षेत्र में कोरोना के मामले एकदम कम होंगे या फिर नहीं होंगे तब स्कूल प्रशासन से बात करने और उनके सहमित के बाद कुछ सोचा जाएगा.
महेश पालकर ने बताया कि हमने टेलीग्राम पर भी एक ग्रुप बनाया है जिस पर रोजाना शिक्षकों द्वारा की गई एक्टिविटीज का रिकॉर्ड अपलोड किया जाता है. इसी पर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की प्रतिक्रिया भी आती है.