मुंबई : जिंदा रह गया, तो फिर मुंबई नहीं लौटूंगा, लौट रहे प्रवासियों को छलका दर्द
मुंबई : कोरोना की चपेट में सर्वाधिक प्रभावित मुंबई के धारावी और माहिम से लगातार प्रवासियों का पलायन जारी है। यहां अधिकांश लोग यूपी, बिहार, बंगाल, तमिलनाडु और उड़ीसा के अलावा नेपाल के भी हैं। स्थानीय मुकुंद नगर के रहने वाले अफरोज ने बताया कि इस इलाके से औसतन 40 से 45 मामले कोरोना मरीजों के आने से लोग डरे हुए हैं। इसलिए लोग अब यहां से अपने घर-गांव जाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
चमड़ा नगर निवासी राजेंद्र मोची जूता बनाने का काम करते हैं। मोची ने बताया कि घर में पैसे और बाहर रोजगार नहीं होने से हमलोगों को भूखों मरने की नौबत आ गई है। जवाहर नगर में दर्जी का काम करने वाले दिलखुश अंसारी परिवार समेत घर जाने के लिए प्रवासियों की कतार में सायन-धारावी लिंक रोड पर खड़े थे। दीपक यादव माहिम के मोरी रोड इलाके में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बच गया तो मुंबई दोबारा लौट कर नहीं आऊंगा। यहां न राशन है, न पैसा। ट्रांजिट कैंप में रहने वाले गुल मोहम्मद अली की सिलाई की दुकान बंद है। इसलिए वे बेगम को लेकर पटना होते हुए किशनगंज जाएंगे। ये सब वे प्रवासी हैं, जो मुलुक से दो से ढाई हजार किलोमीटर दूर धारावी, माहिम और शाहू नगर इलाकों में रहते हैं और यहां छोटे-मोटे रोजगार से जुड़े हैं।
कोरोना वायरस से सर्वाधिक संक्रमण इन्हीं इलाकों में पसरा हुआ है। इसलिए ये लोग यहां से भागना चाहते हैं। स्थानीय धारावी पुलिस इन्हें मुलुक पहुंचाने का काम रेलवे प्रशासन की मदद से कर रही है। धारावी पुलिस की पीएसआई अंजली वीणा ने बताया कि वह रोजाना यहां से करीब 6 से 7 हजारों प्रवासियों को कुर्ला और बांद्रा के लिए छोड़ रही हैं। इन स्टेशनों से ये प्रवासी श्रमिक ट्रेनों से अपने घर जाते हैं। यहां इन्हें रहने-खाने में काफी तकलीफ हो रही है। इन्हें व्यवस्थित तरीके से सायन-धारावी 90 फीट रोड या लिंक रोड पर मेडिकल जांच एवं आवश्यक कार्यवाही कर स्टेशनों तक पहुंचाया जाता है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कभी-कभार सख्त कदम उठाने पडते हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। अब तक 25 श्रमिक ट्रेनों से प्रवासियों को भेजा जा चुका है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर बीएमसी के एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि धारावी में 1478 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें एक 9 साल की बच्ची भी शामिल है। 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दिन-ब-दिन धारावी और माहिम की हालात गंभीर होती जा रही है। गौरतलब है कि एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में 6.5 लाख से अधिक लोग रहते हैं। इसलिए यहां कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं।