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मुंबई : मुंबई के बीएमसी कोविड अस्पतालों में काम कर रहे निवासी डॉक्टरों पर मरीजों का लोड बढ़ता जा रहा है. कोविड वारियर्स खुद भी बीमारी का शिकार हो रहे हैं.ऐसे में महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स (मार्ड) ने प्रशासन से मांग की है कि 7 दिन काम करने के बाद उन्हें कम से कम 6 दिन का क्वारन्टीन दिया जाए. मार्ड ने प्रशासन को बताया कि उन पर मरीजों के इलाज का काफी प्रेशर है.वे अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझ रहे हैं, लेकिन लगातार काम करने के बाद हेल्थ वर्कर्स पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है. 

बीएमसी ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कोरोना ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को 5 दिन काम के बाद दो दिन क्वारन्टीन में रहने और फिर से काम पर लौटना को कहा गया. केईएम अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर दीपक मुंडे ने कहा कि केंद्रीय गाइड लाइन्स के अनुसार एक सप्ताह काम के बाद एक सप्ताह का क्वारन्टीन डॉक्टरों को मिलना चाहिए. मुंबई में बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 6 दिन किया जा सकता है, लेकिन दो दिन का क्वारन्टीन डॉक्टरों के हित में नहीं है. डॉक्टरों की संख्या मरीजों की तुलना में अब कम पड़ने लगी है. इस कमी को दूर करने के लिए आयुष के डॉक्टरों का इस्तेमाल करने के साथ ही पेरीफेरल में काम करने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को भी कोविड ड्यूटी में लगाया जा सकता है. इससे हम पर बोझ हल्का होगा और बिना बीमार पड़े हम भी लोगों का उपचार करने में सफल होंगे.


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