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मुंबई : देशव्यापी लॉकडाउन के शिकार प्रवासी मजदूर अब रुकने को तैयार नहीं हैं.सरकार द्वारा मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए ट्रेनें शुरू किए जाने के बावजूद भी बड़ी संख्या में पैदल गांव की ओर रवाना हो रहे हैं.शुक्रवार को भी नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण, भिवंडी से बड़ी संख्या में मजदूर अपने बाल-बच्चों परिवार के साथ पैदल ही निकल गए.

मुंबई-आगरा महामार्ग से बड़ी संख्या में मजदूरों का जत्था एमपी-यूपी के लिए पैदल ही रवाना हो रहा है.कुछ रिक्शा चालक और टेम्पो चालक बिना कोई पास लिए ही लोगों को अपने वाहनों में बिठा कर रवाना हो गए हैं.जरूरतमंद को बड़ी संख्या में राशन बांटने वाले समाजसेवी सुरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि समझाने के बावजूद मजदूर नहीं रुक रहे हैं,अब तक काफी कम ट्रेनें छोड़े जाने से इन्हें डर है कि न जाने कब इनका नंबर लगेगा.डेढ़ माह से बेरोजगार बैठे कई मजदूरों के पास अब पैसे भी नहीं बचे हैं. लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे बेरोजगार मजदूर आखिर मजबूर होकर अपने बाल-बच्चों को लेकर पैदल ही सैकड़ों किमी अपने गांव की ओर रवाना हो गए हैं.

गुरुवार की देर रात बड़ी संख्या  में मुंबई-आगरा हाइवे से पैदल गांव निकल रहे मजदूरों के नाश्ते पानी की व्यवस्था सुरेंद्र उपाध्याय, संतोष तिवारी और उनके सहयोगियों ने की.मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे में रोजाना कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की खबर सुन कर भी मजदूर घबराए हुए हैं.जिन मजदूरों के पास रहने का ठिकाना नहीं, उन्हें आने वाली बरसात का डर भी सता रहा है.पैदल जाने वाले मजदूरों को कुछ स्थानों पर रोक कर समझाया भी जा रहा है,लेकिन चिलचिलाती गर्मी भी इन मजदूरों की इच्छा शक्ति के सामने घुटने टेकती नजर आ रही है.मुंबई-नासिक राजमार्ग से होकर पैदल यूपी की तरफ जा रहे मजदूरों में कई महिलाएं और उनके मासूम बच्चे भी हैं.


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