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मुंबई : कोरोना संकट से निपटने के लिए मुंबई को सेना के हवाले नहीं किया जाएगा. यह ऐलान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के साथ संवाद में कही. उन्होंने उन अफवाहों को पूरी तरह से खारिज किया, जिसमें मुंबई को सेना के हवाले करने की बात कही जा रही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता कोरोना की लड़ाई लड़ने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने कहा कि राज्य का प्रत्येक नागरिक सेना के जवान की तरह है. ऐसे में कोरोना संकट से निपटने के लिए मुंबई को सेना के हवाले करने की कोई जरुरत नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि मुंबई समेत राज्य की पूरी पुलिस फ़ोर्स पिछले कई दिनों से  योद्धा की तरह काम कर रही है. ऐसे में उन्हें  थोड़ा आराम देने के अलावा ड्यूटी को रोटेट करने के लिए वे केंद्र सरकार से अतिरिक्त फ़ोर्स की मांग कर सकते हैं.इसका अर्थ कतई नहीं लगाया जाना चाहिए कि मुंबई को सेना के हवाले किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद में ट्रेन हादसे में मारे गए मजदूरों की घटना पर गहरा दुःख जताते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को घबराने की जरुरत नहीं है. उन्होंने  विश्वास दिलाया कि सभी मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए वे हर संभव मदद करने में जुटे . मुख्यमंत्री  ठाकरे ने साफ़ किया  कि लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला पूरी तरह से जनता के रवैए पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि लोग जितनी कड़ाई से लॉकडाउन का पालन कर कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद करेंगे, उतना जल्दी लॉकडाउन को खत्म करने में  मदद मिलेगी.  शहर में किसी भी तरह की स्थिति से निपटने में मुंबई पुलिस पूरी तरह से सक्षम है. सेना को तैनात किए जाने की अफवाह में कोई सच्चाई नहीं. लोगों को इस तरह के अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए. मुंबई पुलिस की अंतराष्ट्रीय स्तर पर साख है और वे हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.


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