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मुंबई : कोरोना संकट की मार झेल रहे राज्य के रियल एस्टेट क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को 2 साल के लिए रेडी रेकनर दरों को 40% तक घटा देना चाहिए. यह बात पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बिल्डरों के साथ एक वेबिनार में कही. बिल्डरों की संस्था ‘नरेडको’ द्वारा आयोजित इस चर्चा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वर्तमान सरकार को विशिष्ट समय अवधि के लिए रेडी रेकनर दर को 40% तक लाना चाहिए. रेडी रेकनर रेट को 5% से 10% तक कम करना सेक्टर के लिए काफी नहीं होगा. क्योंकि संकट ज्यादा बड़ा है. रीयल्टी सेक्टर बड़ा रोजगार प्रदाता है. लिहाजा इसे प्रोत्साहन देने की जरूरत है.

इस वेबिनार में नरेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी सहित 1500 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा कॉमन डीसीआर पर हस्ताक्षर किए गए थे और नवंबर 2019 तक इसके लागू आने की संभावना थी, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार इसे बदलने में लगी हुई है. इसे तुरंत लागू होना चाहिए. साथ ही सभी पर्यावरण समितियों से कुछ समयावधि तय करके समय सीमा को कम करने की आवश्यकता है ताकि वास्तविक समय की बचत से ऋण और वित्त दबाव से बचाया जा सके. पूर्व सीएम ने सरकार से मुंबई, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता देने और चूंकि अर्थव्यवस्था इन्फ्रा परियोजनाओं पर निर्भर होगी, लिहाजा वे ठप नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि निर्माण और रियल्टी क्षेत्र में सभी कर्ज टर्म लोन हैं और जब बैंकिंग क्षेत्र कार्यशील पूंजी देने का फैसला करता है, तो जिन्हें टर्म लोन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, उन्हें कार्यशील पूंजी प्राप्त करने से बाहर रखा जाता है. इस खामी पर नियामक को ध्यान देने की जरूरत है.


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