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नवी मुंबई : महाराष्ट्र में दस्तक दे चुके जानलेवा कोरोना को सरकार ने महामारी घोषित कर दिया है. ऐसे में मेडिकल एलर्ट और इंतजामों को पुख्ता किया जाना जरूरी है, लेकिन नवी मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर कोरोना के खतरे को लेकर भारी उदासीनता दिख रही है. गुरूवार को नवभारत संवाददाता ने सानपाड़ा, नेरुल और वाशी रेलवे स्टेशनों पर कोरोना नियंत्रण इंतजामों का जायजा लिया, जहां कोई भी ऐसा इंतजाम नजर नहीं आया. सानपाड़ा स्टेशन यात्रियों को सावधान करने के किए कुछ पोस्टर जरूर लगे हैं, लेकिन यह कोरम पूर्ति से ज्यादा कुछ भी नहीं.

सानपाड़ा स्टेशन पर जायजा लेने के दौरान चौकाने वाली बात नजर आई, जो रेलवे पोस्टर लगाकर बीमारी से बचने की सलाह दे रही है वह खुद अपने कर्मियों के लिए अदद मॉस्क देना भी जरूरी नहीं समझती. यहां टिकट काऊंटर पर वैलिडेटिंग मशीन से टिकट काट रहे कर्मचारी बिना मॉस्क काम करते दिखे. पूछने पर उनका जवाब था, सुविधा तो नहीं मिली लेकिन खुद को बचाना है तो खुद ही मॉस्क खरीदना पड़ेगा. बताना जरूरी है कि रेल कर्मचारी सीधे यात्रियों के संपर्क में होते हैं. टिकट देते और पैसे लेते समय एक दूसरे को स्पर्श करते हैं जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है.

कोरोना खतरनाक बीमारी है. इसके नियंत्रण के लिए जो दिशानिर्देश दिए गए हैं हम उसका पालन कर रहे हैं. जागरूकता के लिए पोस्टर लगाए गए हैं इसके साथ ही 15 मिनट के अंतराल पर यात्रियों को जरूरी सावधानी बरतने और संक्रमण से सावधान रहने की सूचना दी जा रही है. कर्मियों को मॉस्क क्यों नहीं दिया गया इसके जवाब में स्टेशन प्रबंधक ने माना कि यह जरूरी है. यदि विभाग ने नहीं दिया तो निजी तौर पर यह इंतजाम किया जाएगा.


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