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मुंबई : महाराष्ट्र में एन-95 मास्क खरीदने के लिए अब डॉक्टरी सलाह अनिवार्य कर दी गई है। महाराष्ट्र खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने पत्र जारी कर सभी मेडिकल स्टोर्स को आदेश दिया है कि बिना डॉक्टर पर्ची के एन-95 मास्क नहीं बेचा जाए। बता दें कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग तेजी से मास्क खरीद रहे हैं। इसके कारण न केवल मास्क की कमी हो रही है, बल्कि इस पर ओवरचार्जिंग भी बढ़ रही है। नतीजतन प्रशासन ने यह फैसला लिया है। बता दें कि देश में फिलहाल कोरोना वायरस के 31 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं।

दिल्ली में कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही देशभर में लोग भय में है। यही कारण है कि बचाव के मद्देनजर मास्क खरीदने के लिए मेडिकल स्टोर्स पर भीड़ लग रही है। महाराष्ट्र एफडीए ‌विभाग की ओर से जारी एक पत्र के अनुसार, राज्य में एन-95 मास्क और पर्सनल प्रॉटक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट्स को बिना डॉक्टरी के सलाह पर बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एफडीए से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मौके का फायदा उठाते हुए कई लोग भारी मात्रा में न केवल स्टॉक खरीद रहें हैं, बल्कि उसे जमा भी कर रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। 

सरकार के इस फैसले के बाद से आलोचना भी शुरू हो गई है। बीएमसी और राज्य सरकार के अस्पतालों में दवा सप्लाई करने वालों ने बताया कि यह अफरा-तफरी में लिया गया फैसला है। इससे लोगों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ेगी। ऑल फूड ऐंड ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडेय ने कहा कि इस फैसले के कारण एक नॉन मेडिकल वस्तु के लिए लोगों को पहले डॉक्टर से पर्ची लिखानी होगी फिर मास्क लेना होगा। इससे न केवल डॉक्टर मास्क लेने वालों से पैसे वसूलेंगे, बल्कि इससे समय पर लोगों को मास्क मिलने से भी वंचित रहना पड़ सकता है। डॉक्टरी पर्ची की बजाय मास्क के लिए बिल अनिवार्य करना ज्यादा बेहतर होता।

प्रशासन के फैसले की तारीफ करते हुए सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रहलाद प्रभु देसाई ने कहा कि हर किसी को मास्क की जरूरत नहीं है। मास्क की कालाबाजारी और कमी के पीछे बेवजह की इसकी खरीदारी है। मास्क की जरूरत उन्हें है जो बीमार हैं, या जो मरीजों की देखभाल करते हैं। हर किसी को ना मास्क लगाने की जरूरत है, ना ही इससे उन्हें बहुत फायदा मिलेगा। ज्यादातर लोगों को तो ठीक से मास्क का इस्तेमाल भी नहीं आता, जिससे संक्रमण फैलने का और भी खतरा बना रहता है। एफडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एन-95 मास्क आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि हेल्थकेयर प्रफेशनल के लिए होता है। हर किसी को इसे खरीदने की जरूरत नहीं है। वहीं, एक दवा सप्लायर ने कहा कि यह बहुत ही अफरा-तफरी में फैसला लिया गया है। इससे लोगों को और परेशानी हो सकती है।


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