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मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के मेट्रो 3 कॉरिडोर के स्टेशनों के नाम जल्द ही निजी संस्थानों के नाम से होंगे। कोई भी व्यक्ति या संस्था पैसे खर्च कर स्टेशनों को अपना नाम दे सकेगा। मेट्रो स्टेशनों को निजी प्रॉपर्टी से जोड़ने के बाद मुंबई मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने स्टेशनों के नाम के साथ निजी संस्थानों का नाम जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके लिए एमएमआरसीएल ने निजी संस्थानों से एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट मांगा है।
कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज के बीच बन रहे मेट्रो 3 कॉरिडोर के मार्ग पर कुल 27 स्टेशनों का निर्माण कार्य चल रहा है। वर्ष 2021 तक सरकार ने परियोजना का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। निर्माण कार्य पूर्ण करने से पहले ही एमएमआरसीएल कमाई के अन्य मार्ग तलाशने में जुट गई है। देश के सबसे लंबे भूमिगत मेट्रो स्टेशनों के नाम के साथ अपना नाम जोड़ने के लिए लोगों को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
जानकारों के अनुसार, स्टेशनों के नाम के साथ अपना नाम लिखवाने के लिए लोगों को 1 से 10 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। इसकी अहम वजह 33 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के मुंबई के कई व्यवसायिक संस्थानों, अस्पतालों, कॉलेजों और हाउसिंग सोसायटियों के करीब से गुजरना है। प्रीमियम स्टेशनों पर एक साल के लिए अपना नाम लिखवाने के लिए संस्थानों को 1 से 5 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
वहीं सीएसटी, बीकेसी और एयरपोर्ट स्टेशनों के साथ अपना नाम जोड़ने के लिए 5 से 10 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। दिल्ली और मुंबई में चल रहे मेट्रो के कई स्टेशनों के साथ निजी संस्थानों के नाम पहले ही जोड़े जा चुके हैं। इस तरीके से मेट्रो प्रशासन को हर साल करोड़ों की कमाई हो रही है। एमएमआरसीएल ने भी यह तरीका अपनाकर आमदनी का नया मार्ग ढूंढ लिया है।


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