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ठाणे : स्थानीय नागरिकों के आक्रोश के कारण तीन बार तोड़क कार्रवाई करने में जिला प्रशासन नाकाम रहा था, लेकिन सोमवार को पर्याप्त पुलिस व्यवस्था के बाद दिवा के टाटा पॉवर रोड से सटे मैंग्रोव एरिया में बने अवैध घरों पर कार्रवाई की गई. हालांकि कार्रवाई से पहले हजारों की संख्या में नागरिक विरोध करने सड़कों पर उतरे, जिस कारण प्रशासन के साथ तनाव तनाव पैदा हो गया था, लेकिन पुलिस सुरक्षा और अधिकारियों के कुशल नियोजन के कारण नागरिकों के विरोध को शांत कर जिला प्रशासन ने दुकानों तथा मकानों पर तोड़क कार्रवाई की.

नागरिकों के तीव्र विरोध की संभावना को देखते हुए 500 से अधिक सुरक्षाबलों को दिवा के साबे गांव से सटे टाटा पॉवर रोड पर तैनात किया गया था. सोमवार की सुबह जैसे ही तोड़क कार्रवाई की शुरुआत हुई, पुरुष तथा महिलाओं ने जेसीबी मशीन पर कब्जा कर लिया.. जिस कारण कुछ देर के लिए तोड़क कार्रवाई रुक गई. विरोध जताने महिलाएं जेसीबी मशीन पर जा चढ़ीं. तहसीलदार अजित पाटिल ने पहले ही धारा 144 लागू कर दिया गया था. साथ ही राजनीतिक पक्षों से जुड़े लोग को आगाह कर दिया गया था कि वे तोड़क कार्रवाई को किसी भी तरह प्रभावित करने का प्रयास नहीं करें. इस तोड़क कार्रवाई के बारे में ठाणे तहसीलदार अजीत पाटिल ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर उक्त तोड़क कार्रवाई की गई. दिवा में मैंग्रोव को नष्ट कर तीन सालों के दौरान अवैध बांधकाम किए गए थे.

ठाणे महानगर पालिका क्षेत्र के दिवा परिसर में सर्वेे क्रमांक 236, 79, 80 और 75 की जमीन पर मैंग्रोव नष्ट कर झोपडिय़ों का निर्माण किया गया था. तहसीलदार अजीत पाटिल ने बताया कि जिस सर्वे क्रमांक की जमीन पर स्थित झोपड़े को न्यायालय का स्थगन आदेश मिला, उस पर कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही जिस सर्वे क्रमांक की जमीन पर बने झोपड़ों को लेकर स्थगन नहीं मिला, तोडक कार्रवाई की गई. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वे गत 16 सालों से यहां स्थायी तौर पर रहते थे. स्थानीय नागरिकों का आरोप था कि जब राज्य सरकार 2015 तक बने अवैध झोपड़े को वैध करने की घोषणा पहले ही कर चुकी है तो इस हालत में ऐसी तोडक कार्रवाई उनके ऊपर अन्याय है.


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