लंबी दूरी की ट्रेनों से लोकल नहीं होगी लेट, मध्य रेलवे पर जल्द ही लागू होगा नया टाइम टेबल
मुंबई : मध्य रेलवे पर कई बार आप लोकल ट्रेन का इंतजार करते हैं, लेकिन मेल-एक्सप्रेस ट्रेन के कारण प्लैटफॉर्म पर आपका इंतजार लंबा हो जाता है। सूत्रों के अनुसार दिनभर ऐसी लगभग 40 लोकल ट्रेन की सेवाएं हैं, जिनका समय मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ खटकता है। अब इन सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए मध्य रेलवे द्वारा जल्द ही नया टाइम टेबल लागू किया जा रहा है। इसे 14 दिसंबर को लागू किया जा सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि पीक ऑवर्स में मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के कारण लोकल ट्रेनों को लेट नहीं किया जा सकता है। कल्याण स्टेशन मध्य रेलवे के लिए उपनगरीय ट्रेनों और मेल-एक्सप्रेस के हिसाब से प्रमुख जंक्शन है। लेकिन इसी स्टेशन से उपनगरीय ट्रेनों के यात्री भी बढ़े हैं। इसलिए नया टाइम टेबल कल्याण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें सीएसएमटी से कर्जत, खोपोली, कसारा रूट की लोकल सेवाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इससे दिवा, डोंबिवली, कल्याण, बदलापुर, अंबरनाथ में रहने वाले यात्रियों को लेट हो रही ट्रेनों से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
मध्य रेलवे के उपनगरीय रूट पर 2015-16 में 1,660 सेवाएं चलती थीं, जिनकी संख्या 2018-19 में बढ़कर 1,774 पहुंच गई। सेवाएं बढ़ने के बावजूद यात्रियों की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ। एक अधिकारी ने बताया कि उपनगरीय ट्रेनों के साथ मेल-एक्सप्रेस सेवाएं भी तो बढ़ी हैं। इसके अलावा सीजन में मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की विशेष सेवाएं भी चलाई जाती हैं। सेवाओं में इतना विस्तार तो हो जाता है, लेकिन रूट तो में विस्तार नहीं होता। पटरियों पर ट्रेनें क्षमता से ज्यादा चल रही हैं। ऐसे में कोई कई बार ऐसा हुआ है कि लोकल ट्रेन के साथ मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का तालमेल बनाना पड़ता है। संतुलन बिगड़ते ही उपनगरीय सेवाएं प्रभावित होती हैं।
ठाणे से दिवा, कुर्ला से परेल और सीएसएमटी तक पांचवीं और छठी लाइन होने के कारण मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए स्वतंत्र कॉरिडोर है, लेकिन ठाणे से कल्याण के बीच ऐसा नहीं है। इन दोनों स्टेशनों के बीच सौ से ज्यादा लोकल ट्रेनें उपनगरीय ट्रेनों के साथ रूट शेयर करती हैं। पिछले दस वर्षों से 5वीं-6ठी लाइन का काम शुरू है, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। इसका भुगतान मुंबईकरों को करना पड़ रहा है। ठाणे से कल्याण के बीच ही कुछ ऐसे गेट्स भी हैं, जो एक बार खुलते हैं, तो ट्रेनें पक्के तौर पर 15 मिनट ले होती हैं। इन गेट्स को बंद करने के लिए रेलवे ने अपने क्षेत्र में काम पूरा कर लिया है, लेकिन स्थानीय निकायों से मदद नहीं मिल रही है। आप अगर उम्मीद कर रहे हैं कि नए टाइम टेबल में नई सेवाएं जुड़ेंगी, तो ऐसा बिलकुल नहीं है। वैसे भी मध्य रेलवे मुंबई डिविजन पर ट्रेनें 150 प्रतिशत ज्यादा क्षमता से चल रही हैं, जो अपने आप में गंभीर है। इस टाइम टेबल में हार्बर लाइन और ट्रांस हार्बर लाइन पर चलने वाली ट्रेनों की स्थिति यथावत रहेगी।