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दिल्ली में हनीट्रैप की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें युवतियों ने व्यवसायी से दोस्ती कर उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल कर 10 लाख रुपये वसूल लिए। पुलिस ने बुधवार को गिरोह में शामिल सात युवतियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह बीते चार साल में 60 रसूखदार लोगों से 10 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर चुका है। आप भी अनजान युवतियों से दोस्ती करते समय सावधान रहें, अनजाने में कहीं ऐसे गिरोह के शिकार न बन जाएं।

पुलिस के अनुसार, सुमंत कुमार (परिवर्तित नाम) अपने परिवार के साथ खानपुर इलाके में रहते हैं। पीड़ित का ज्वेलरी का पुश्तैनी व्यवसाय है। पीड़ित ने मंगलवार रात पुलिस को शिकायत देकर बताया कि करीब तीन माह पहले उसकी मुलाकात एक पार्टी में डांस कर रही मोनी नाम की युवती से हुई। इसके बाद फोन पर दोनों की बातचीत होने लगी। मंगलवार को मोनी ने फोनकर सुमंत को रोहिणी सेक्टर 2 स्थित अपने घर बुलाया। दोनों मोनी के कमरे में आपत्तिजनक अवस्था में थे।

तभी कुछ युवक और युवती कमरे में आए, जिन्होंने उनकी फोटो खींचनी शुरू की। इनमें से एक युवती ने खुद को मोनी की बहन बताया। उन्होंने सुमंत पर युवती से शादी करने का दबाव बनाया। जब उसने मना किया तो पुलिस को सूचना देने की धमकी दी। इसके बाद मामला रुपये पर आकर टिक गया।

युवक से 30 लाख रुपये मांगे : शुरू में इन्होंने सुमंत से तीस लाख रुपये मांगे। पीड़ित ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो सौदा दस लाख रुपये में तय हो गया। इसके बाद सुमंत ने अपने पिता को फोन कर बताया कि उसका अपहरण हो गया है और अपहरणकर्ता 10 लाख की फिरौती मांग रहे हैं।

रुपये देने के बाद ही छोड़ा : देर रात करीब 12 बजे राजौरी गार्डन में पीड़ित के पिता ने गिरोह के सदस्यों को दस लाख रुपये दिए, तब जाकर सुमंत को छोड़ा गया। पीड़ित युवक सुमंत पुलिस के सामने इस मामले को लाने से हिचक रहा था, लेकिन उसके पिता ने इसे अपहरण का मामला समझ पुलिस को जानकारी दे दी।

साजिश में दो पुरुष भी शामिल : एसएचओ जगमिंदर सिंह के नेतृत्व में एसआई विकास और एसआई संजीव की टीम ने जांच की तो पता चला कि कुछ युवतियों ने सुमंत को हनीट्रैप में फंसाकर 10 लाख रुपये वसूल लिए हैं।

इस जानकारी पर पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए बुधवार को सात युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। अभी गिरोह में शामिल दो पुरुष और तीन युवतियां फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। हालांकि, बहुत से मामलों में तो पीड़ित लोकलाज के भय से पुलिस के सामने भी नहीं आए। इसी का ये लोग फायदा उठाती रहींं।

कई इलाकों में अपने ठिकाने बना रखे हैं

पुलिस की गिरफ्त में आईं ये युवतियां दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रहती हैं। इसकी वजह से इन पर किसी को शक नहीं होता था। आसपास के लोगों को ये सामान्य युवतियां लगती थीं।

जाल में फंसाया

19 मई: चाणक्यपुरी स्थित एक फाइव स्टार होटल से मर्चेंट नेवी के पूर्व कैप्टन और कंपीनी के सीईओ को हनीट्रैप कर फंसाकर अगवा किया, चार महिलाएं गिरफ्तार

14 अप्रैल : दक्षिण दिल्ली में डॉक्टर से हनीट्रैप कर लाखों वसूले, स्पेशल सेल ने महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया

9 जून 2017 : प्रशांत विहार में बिल्डर को फ्लैट दिखाने के बहाने बुलाया और हनीट्रैप में फंसाकर 18 लाख रुपये वसूले, पुलिस ने तीन युवतियों को गिरफ्तार किया

गिरोह ने तीन महीने पहले साजिश रची

नई दिल्ली | सुमंत को हनीट्रैप में फंसाने की पटकथा तीन माह पहले से लिखी गई थी, जब उसकी दोस्ती मोनी से हुई थी। दोनों के बीच ने पहले फेसबुक व फोन और इसके बाद मिलने जुलने का सिलसिला शुरू हो गया।

मोनी ने तय योजना के तहत सुमंत को मंगलवार शाम 6 बजे रोहिणी सेक्टर दो स्थित अपनी सहेली के किराए के फ्लैट पर बुलाया। सुमंत फ्लैट पर धीरे-धीरे सहज हो रहा था। इसी के बाद गिरोह ने पूरा खेल रचा।

बड़ी संख्या में अश्लील फोटो और वीडियो मिली : पुलिस को जांच के दौरान आरोपियों के कब्जे से सुमंत की आपत्तिजनक फोटो मिलीं। इसके अलावा बड़ी संख्या में कुछ पुरुषों के फोटो और वीडियो भी मिले हैं। पुलिस जल्द ही इन लोगों से संपर्क कर शिकायत देने के लिए कहेगी।

दो आरोपी भगोड़ा घोषित : इस मामले में गिरफ्तार काजोल और मोनी के खिलाफ हनीट्रैप के दो मामले वर्ष 2017 में प्रशांत विहार थाने में दर्ज हुए थे। उन्होंने एक व्यवसायी से 18 लाख और दूसरे व्यवसायी से 60 लाख रुपये वसूले थे। वे भगोड़ा घोषित की जा चुकी हैं। गिरोह की सदस्यों ने रोहिणी और प्रशांत विहार में अपने ठिकाने बना रखे थे। दरअसल, घनी आबादी और बड़ी संख्या में फ्लैट होने के कारण यहां पर आसानी से किराए पर फ्लैट मिल जाते हैं।

साउथ रोहिणी थाने द्वारा गिरफ्तार छह युवतियां अलग-अलग काम करती हैं। इसमें से तीन युवतियां पार्टी और अन्य उत्सवों में डांस करती हैं, जबकि तीन युवतियां बार गर्ल हैं। ये इन जगहों पर भी अपने शिकार तलाशती हैं। इनमें से दो युवतियां का तलाक हो चुका है, जबकि चार युवतियां दसवीं पास हैं। रोहिणी और प्रशांत विहार में ठिकाने बनाए 

हनीट्रैप में फंसाने के लिए गिरोह में शामिल युवतियां पार्टियों, फेसबुक, सिनेमा हॉल आदि में शिकार तलाश करती थीं। इसके अलावा बिल्डरों से खुद मिलकर उन्हें किसी बहाने अपने फ्लैट पर बुलाती थीं, जहां उनकी आपत्तिजनक फोटो खींचकर ब्लैकमेल किया जाता था। पीड़ित को पता भी नहीं चलता था और वह दोस्ती या इनके प्यार के जाल में फंसता चला जाता था।गिरोह द्वारा जांच में फंसे व्यक्ति से मोटी रकम वसूल की जाती थी।

मामले की जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले काजोल और मोनी नाम की युवतियां हनी ट्रैप में लोगों को फंसाने के लिए दो अलग-अलग गिरोह चलाती थीं। मगर दोनों ने अपना गिरोह कुछ समय पहले एक कर लिया। अब दोनों गिरोह एक साथ शिकार को तलाश करते हैं और फिर जो रकम मिलती थी, उसे आपस में बांट लेते हैं।


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