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मुंबई : राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 6 हजार 813 करोड़ रुपए की राहत राशि की मांग की है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में  मुख्यमंत्री ने राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 6 हजार 813 करोड़ रुपए की मदद  मांगी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की वजह से ढह चुके मकानों का सरकार फिर से पुनर्निमाण करेगी। उन्होंने कहा कि 1 से 9 अगस्त के बीच भारी बारिश के कारण राज्य के  अनेक जिलों में खासा नुकसान हुआ है। यह अभी तक हुई बारिश से दोगुनी और तीन गुनी है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार को मदद का प्रस्ताव भेजा गया है। सभी  पंचनामा होने के बाद एक बार फिर से समीक्षा कर दोबारा प्रस्ताव भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव के दो भाग हैं। पहले भाग में कोल्हापुर, सांगली और  सातारा के लिए 4 हजार 700 करेाड़ की मांग की गई है। दूसरे भाग में कोकण, नाशिक और बाकी बचे महाराष्ट्र के लिए 2 हजार 105 करोड़ रुपए की मांग की गई है। इस तरह कुल 6 हजार 813 करोड़ रुपए की मदद का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की सहायता राह न देखते हुए एसडीआरएफ से मदद की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की वजह से ध्वस्त हुए मकानों को सरकार फिर से बनाकर देगी। फसलों की नुकसान भरपाई के लिए 2088 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। बाढ़ की वजह से  मृत लोगों के परिवारों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बचाव कार्य के लिए 25 करोड़ रुपए, राहत शिविरों में लोगों को अन्न, दवा, कपड़ा आदि चीजों के लिए 27  करोड़, बाढ़ के बाद साफसफाई कार्य के लिए 70 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिनके जानवर मर गए हैं, ऐसे किसानों के लिए 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि मृत पशुओं के मुआवजे के लिए पुलिस पाटिल और सरपंच के पंचनामे को स्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा मत्स्य व्यावसायियों के लिए 11 करोड़, घर  बनाने के लिए 222 करोड़, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 75 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सड़क और पुल निर्माण के लिए 876 करोड़, जलसंपदा और पानी के स्रोतों की मरम्मत के लिए  168 करोड़ तथा स्कूल और जलआपूर्ति योजनाओं के लिए 125 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से छोटे व्यापारियों सहित होटल मालिकों को नुकसान उठाना पड़ा है। इसे देखते हुए उनके लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। छोटे  व्यापारियों को उनके 75 फीसदी नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्हें कम से कम 50 हजार रुपए तक की मदद की जाएगी। छोटे व्यापारियों को पहली बार इस तरह की मदद  करने का निर्णय लिया गया है ।


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