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मुंबई : एटीएस द्वारा पकड़े गए आइसिस के १० संदिग्धों से पूछताछ में लगातार चौंकानेवाले खुलासे सामने आए हैं। इस मामले में दायर चार्जशीट के दौरान एटीएस ने इनके मुंब्रेश्वर मंदिर के महाप्रसाद में जहर मिलाकर ४० हजार हिंदुओं के खात्मे की साजिश का खुलासा किया था लेकिन अब इन संदिग्धों की ओर से एक और बड़ा कुबूलनामा हुआ है। महाप्रसाद के अलावा मुंबई को जल आपूर्ति करनेवाली झीलों और जलशुद्धिकरण केंद्र में पानी में जहर मिलाने की भी इनकी योजना थी। इस योजना के जरिए डेढ़ करोड़ लोगों का नरसंहार करने का इनका लक्ष्य था।

एटीएस द्वारा दायर की गई चार्जशीट के मुताबिक पकड़े गए आइसिस के १० संदिग्धों में से तल्हा पोट्रिक नामक आरोपी ने महाप्रसाद और पानी में जहर मिलाकर हिंदुओं के खात्मे की योजना बनाई थी। इस योजना में उसने अबू किताल ऊर्फ जम्मान नवाब कुट्टे पड़ी को अपने साथ ले लिया था। पेशे से फार्मासिस्ट होने की वजह से अबू किताल के लिए बाजार से खतरनाक केमिकल हासिल करना बेहद आसान था। अबू किताल मुंबई सेंट्रल स्थित सरकारी अस्पताल के सेक्सुअल ट्रांसमीटेड डिजीज विभाग में बतौर फार्मासिस्ट था। अबु किताल बखूबी जानता था कि किस जहरीले केमिकल के जरिए लोगों को चंद मिनटों में ही मौैत की नींद सुलाया जा सकता है इसलिए उसने जिंक फॉस्फाइड और ऑर्गनोफॉस्फोरेस इन दो केमिकल का मिश्रण तैयार किया था। यह जहरीला मिश्रण अन्य संदिग्धों की मदद से तल्हा मुंबई और ठाणे में जलापूर्ति करनेवाली मनपा की सात झीलों के पानी में मिलानेवाला था। पुलिस की मानें तो इन १० संदिग्धों ने उन मार्गों की भी रेकी की थी, जहां से झीलों और जलशुद्धिकरण केंद्र तक आसानी से पहुंच सकते हैं। मनपा जलविभाग की मानें तो २६/११ आतंकी हमले के बाद से मुंबई को पानी सप्लाई करनेवाली झीलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। मुख्य जल अभियंता अशोक तवाड़िया की मानें तो सात झीलों, पिसे-पांजरापोल जलशुद्धिकरण सहित २७ रिजरवॉयर की सुरक्षा पुख्ता की गई है। साथ ही समय-समय पर पुलिस से मिलनेवाले दिशा-निर्देशानुसार झीलों की सुरक्षा कड़ी की जाती है। जल विभाग के मुताबिक वर्तमान में यहां ३०० सुरक्षाकर्मियों के अलावा सीसीटीवी का जाल झील, रिजरवॉयर सहित जलशुद्धि केंद्र पर पैâला हुआ है।


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