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मुंबई :बॉम्बे हाई कोर्ट में डॉ. पायल तडवी खुदकुशी मामले में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की विडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। इस संबंध में गुरुवार को हाई कोर्ट ने अपने रजिस्ट्री विभाग को निर्देश दिया कि वह तीन वरिष्ठ चिकित्सकों की जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई की विडियोग्राफी के लिए व्यवस्था करे। अब जमानत याचिकाओं पर अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। तीनों महिला आरोपियों पर अपनी जूनियर सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने और जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप है। सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तीनों की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति डी. एस. नायडू के समक्ष सुनवाई हुई। 

सभी पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायमूर्ति नायडू ने कहा कि कार्यवाही से आशय पूरी न्यायिक कार्यवाही से है। इसके बाद अदालत ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्री विभाग को विडियो रिकॉर्डिंग के लिए जरूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इससे पहले विशेष अदालत के सामने आरोपियों के खिलाफ 1800 पन्ने का आरोपपत्र दाखिल किया गया था। इसमें छात्रावास में खुदकुशी करने से पहले तडवी द्वारा कथित तौर पर लिखे गए तीन पन्ने के सूइसाइड नोट की एक प्रति भी है। 

तीन आरोपी डॉक्टरों - हेमा आहुजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडलेवाल को 29 मई को गिरफ्तार किया गया था। तीनों तब से न्यायिक हिरासत में जेल में है। निगम संचालित बी वाई एल नायर अस्पताल से जुड़ीं पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल के दूसरे वर्ष की छात्रा तडवी (26) ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी। उनके परिवारवालों ने आरोप लगाया था कि तीनों वरिष्ठ डॉक्टर तडवी के बारे में आए दिन जातिसूचक टिप्पणी करती थीं और इसी कारण से उन्होंने खुदकुशी कर ली। 


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