आरोपियों से जेल के अंदर पूछताछ करने की अनुमति
मुंबई, मुंबई की एक विशेष अदालत ने सरकारी अस्पताल में जातिगत टिप्पणियों से परेशान हो कर जूनियर डॉक्टर द्वारा आत्महत्या करने के मामले में जेल में बंद तीन महिला चिकित्सकों से पुलिस को जेल में पूछताछ करने की अनुमति दी है। चिकित्सक हेमा अहूजा,अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहेर फिलहाल न्यायिक हिरासत में बायकुला जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ एक जूनियर डाक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है । मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने विशेष लोक अभियोजक राजा ठाकरे के माध्यम से अदालत में अर्जी दाखिल कर आरोपियों से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी। पुलिस ने कहा कि जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी के फोन में कथित सुसाइड नोट की तस्वीरें मिलने के बाद पूछताछ जरूरी है। आत्महत्या करने वाली चिकित्सक के फोन की फॉरेंसिक जांच के दौरान उसमें सुसाइड नोट की तस्वीरें और तीन आरोपी चिकित्सकों की तस्वीर मिली है । इसमें कहा गया कि उन्होंने तड़वी के शव को उसके कमरे से ट्रॉमा सेंटर तक ले जाए जाने की कड़ियों की जांच करना चाहते हैं। आत्महत्या के बाद इन्हीं तीन महिला चिकित्सकों ने सबसे पहले उसके कमरे का दरवाजा खोला था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि अगर आरोपियों से जेल के अंदर पूछताछ की जाती है तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। न्यायाधीश पी बी जाधव ने जांच अधिकारी को सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक तीनों आरोपियों से पूछताछ करने की अनुमति दी। इसबीच तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत शनिवार को 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी गई। गौरतलब है कि मध्य मुंबई में बी वाई एल नायर अस्पताल में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट तड़वी (26) ने 22 मई को हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। तड़वी के परिजन ने तीनों आरोपियों पर रैगिंग करने और उसके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।