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वसई  : एक पिता अपनी बेटी के लिए इंजीनियर, डॉक्टर या फिर कोई कमाऊ दामाद खोजता है मगर एक मामला ऐसा सामने आया है जहां एक बाप ने अपने बेटी के लिए शातिर चोर दामाद ढूंढ़ा। फिलहाल वालिव पुलिस ने ससुर को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दामाद फरार है।
चोर-चोर सगे भाई
चोर-चोर मौसेरे भाई तो सभी ने सुना ही होगा..! मगर वालिव पुलिस ने ऐसे एक गिरोह को गिरफ्तार किया है जो रिश्ते में सगे भाई और ससुर-दामाद हैं। हालांकि दामाद अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। बैंक में ग्राहकों की रेकी करके उन्हें लूटनेवाले ससुर समेत दो सगे भाई को वसई तालुका की वालिव पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से लाखों रुपए नकद सहित सोने के आभूषण और हथियार जब्त किया है। ये शातिर अपराधी मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर समेत दूसरे राज्य में भी वारदात को अंजाम दिया करते थे। आरोपियों ने पालघर जिले में १२ वारदातों को अंजाम दिया है।
रहन-सहन था हाई-फाई
आरोपी बदलापुर के एक आलीशान फ्लैट में रहता था। आरोपी लोकेश गायकवाड मास्टरमाइंड का ससुर है, ससुर की इच्छा थी कि उसका दामाद उससे भी बड़ा चोर हो, जिसे चोरी करने में महारत हासित हो। इसके बाद एक चोरी के अपराध में दोनों की मुलाकात जेल में हुई। तबसे दोनों ने मिलकर देश के कई राज्यों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया।
इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
वालिव पुलिस थानाध्यक्ष विलास चौगुले ने बताया कि ये आरोपी शातिर हैं। पालघर जिले के नालासोपारा, माणिकपुर, वसई, वालिव और पालघर जिले के अंतर्गत बैंक में रेकी कर बैंक के ग्राहकों का पीछा कर उन्हें लूटनेवाले आरोपी कोटेश शमल गायकवाड (५६), रतन नारायण गुंजाल (४६) तथा सुनील नारायण गुंजाल (३५) को गिरफ्तार किया है। ये ग्राहक बनकर बैंक के अंदर घंटों ग्राहकों की रेकी किया करते थे। जब कोई ग्राहक ज्यादा रुपए निकालकर बाहर जाता तो बैंक के बाहर खड़ी दूसरी टीम उनका पीछा करती। मौका देखते ही आरोपी ग्राहक को कहते कि आपकी गाड़ी से आयल गिर रहा है। ग्राहक जैसे ही गाड़ी खड़ी करता आरोपी उसकी गाड़ी का कांच तोड़कर अथवा डिग्गी से रुपए निकालकर फरार हो जाते थे। इसी तरह की घटना वालिव पुलिस थाने के अंतर्गत मधुबन इलाके में सामने आ चुकी है। फिलहाल पुलिस ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन व मुखबिरों की सूचना पर इन्हें गिरफ्तार किया है।
जेल में सीखता था चोरी के गुर
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड एक शातिर चोर है। पुलिस उसे जब भी गिरफ्तार करके जेल भेजती तो चोरी के अपराध में पहले से बंद आरोपी से शिक्षा लेता था। उनसे यह पूछता था कि आप वैâसे पकड़े गए? उसके बाद वह उस गलती को नहीं दोहराता। इसी वजह से वो इतने वर्षों से पुलिस की गिरफ्त से दूर था।



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