राहुल गांधी ने की इस्तीफे की पेशकश...
नई दिल्ली, एजेंसी। Lok Sabha Election 2019 Result लोकसभा चुनाव में करारी हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में हिस्सा लेने के लिए सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल, मनमोहन सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केसी वेणुगोपाल पहुंच चुके हैं।
हाइलाइट्स
- सूत्र बताते हैं कि बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस्तीफे की पेशकश की जिसे सदस्यों ने ठुकरा दिया।
- मुख्यालय पहुंचे कांग्रेस नेता एके एंटनी, अशोक गहलोत, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया और मोतीलाल वोरा।सूत्रों ने बताया बैठक में हार के कारणों पर हो सकती है चर्चा...
- बैठक में भाग लेने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया भी मुख्यालय पहुंच चुके हैं।
- पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में राहुल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। वहीं, राज बब्बर का हटना तय माना जा रहा है।
फिलहाल, कर्नाटक कांग्रेस प्रचार समिति (Karnataka Congress Campaign Committee) के अध्यक्ष एचके पाटिल (HK Patil) ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पत्र लिखकर कहा है कि यह हम सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का वक्त है। मुझे लगता है कि इस हार की जिम्मेदारी लेना हमारा नैतिक कर्तव्य है, इसलिए मैं पद से अपना इस्तीफा देता हूं।
वहीं, उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे बुरे प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर (Raj Babbar) ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। वैसे इस बैठक में किस एजेंडे पर चर्चा होनी है, इसकी जानकारी आधिकारिक तौर पर नहीं दी गई है। अमेठी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। योगेंद्र ने इस हार की जिम्मेदारी खुद पर ली है। बता दें कि अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा की स्मृति इरानी ने भारी अंतर से राहुल को शिकस्त दी है। राहुल को 4,13,394 मत जबकि स्मृति ईरानी को 4,68,514 मत मिले। हालांकि राहुल ने केरल की वायनाड सीट पर भारी मतों से जीत दर्ज की थी। ओडिशा अध्यक्ष निरंजन पटनायक और कर्नाटक चुनाव प्रभारी एसके पाटिल ने भी इस्तीफा दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें हासिल करके एकबार फिर इतिहास रच दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी सुनामी विपक्षी किला ध्वस्त हो गया है। इस 'मोदी सुनामी' का ही नतीजा है कि तीन राज्यों को छोड़कर पूरा देश मोदीमय हो गया है। इस सुनामी में कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है। साल 1971 के बाद यह दूसरा मौका होगा जब किसी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उनकी पार्टी केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी।