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   पुलिस के अनुसार मामले का मुख्य आरोपी कार्बनिक कमेस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है और इसने अपने एक्सपेरिमेंट के जरिये मेफेड्रोन बनाने का तरीका ढूंढ लिया था. आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. पुलिस ने बताया कि  मुंबई के उपनगरीय इलाके गोवंडी में इस साल मार्च में गिरफ्तार एक ड्रग पैडलर से मिली विशिष्ट सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई. उस समय तस्कर के कब्जे से 250 ग्राम मेफेड्रोन बरामद किया गया था. इसके बाद की जांच में एंटी नारकोटिक्स सेल (Anti Narcotics Cell Mumbai) के अधिकारियों को इस मामले में और लोगों के संलिप्त होने की जानकारी मिली, जिसके बाद एक महिला और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने इन दोनों के कब्जे से 2.760 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया था. मेफेड्रोन की आपूर्ति श्रृंखला का पता लगाने के लिए जारी जांच के दौरान मुंबई पुलिस ने मंगलवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया और अगले दिन नालासोपारा इकाई में छापेमारी के बाद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया (Mumbai Crime news) गया.

पुलिस उपायुक्त (ANC) दत्ता नलवाड़े ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि  एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम ने आरोपी के कब्जे से 1403 करोड़ रुपए कीमत का 701.740 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया है. मुख्य आरोपी 52 वर्षीय व्यक्ति है जो कार्बनिक कमेस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है. केमिकल के साथ प्रयोग करके उसने मेफेड्रोन बनाने का तरीका पता लगाया. मुंबई से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति को नालासोपारा में पकड़ा गया. यह हाल के दिनों में शहर की पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है. मेफेड्रोन को 'म्याऊ म्याऊ' या MD भी कहा जाता है. यह NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित है.

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