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मुंबई, रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट में देरी करना अब डेवलपर्स को महंगा पडेगा। सरकारी प्रॉजेक्ट के निर्माण में देरी करने वाले डेवलपर्स के मुनाफे पर कैंची चलाने की तैयारी गृहनिर्माण विभाग ने कर ली है। गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड के मुताबिक, वर्षों से अटके सैकडों रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट को रफ्तार देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
प्रॉजेक्ट के निर्माण में देरी करने वाले डेवलपर्स पर नकेल कसने की योजना पर काम किया जा रहा है। निर्धारित समय के भीतर काम पूरा न करने वाले को डेवलपर्स की कमाई में कटौती करने पर विचार किया जा रहा है। रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट में डेवलपर्स को बिक्री के लिए मिलने वाली एफएसआई में कमी करने की योजना है।
बता दें कि डेवलपर्स की लापरवाही की वजह से झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (एसआरए) के सैकड़ों प्रॉजेक्ट वर्षों से अटके हैं। नतीजतन, घर खाली करने के बाद भी हजारों परिवारों को किराये के घर में रहना पड़ रहा है। सख्त कानून न होने की वजह से कई डेवलपर्स परिवारों को घर का किराया भी देना बंद किया है।
रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट के तहत निजी डेवलपर्स सरकारी लैंड पर इमारत का निर्माण करते हैं। इसकी एवज में डेवलपर्स को इमारत में बिक्री के लिए करीब 4 एफएसआई दी जाती है। मुफ्त एफएसआई से बने घरों की बिक्री कर डेवलपर्स कमाई करते हैं।
एसआरएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी अनिल कुमार सिंह के मुताबिक, कोई भी डेवलपर्स खुशी से प्रॉजेक्ट में देरी नहीं करता है। हर आदमी काम पूरा कर जल्द कमाई करना चाहता है। देरी का मुख्य कारण अधिकरियों द्वारा प्लान समेत अन्य कागजी करवाई को पूरा करने में विलंब करना होता है। अगर डेवलपर्स को खाली प्लॉट मिल जाए तो तय समय से पहले ही प्रॉजेक्ट पूरा किया जा सकता है।

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