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मुंबई, मुंबई में जल्द ही अंधेरी-पूर्व से दहिसर-पूर्व तक मेट्रो चलने की शुरुआत हो जाएगी। मेट्रो-७ के इस कॉरिडोर के शुरू होने का मुंबईकर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एमएमआरडीए ‘वैâच अप’ प्लान के तहत इस परियोजना का सारा काम निर्धारित समय से पहले पूरा करना चाहती है। इस मार्ग पर मेट्रो सेवा शुरू होने से अंधेरी से दहिसर के बीच जो लोग सफर करते हैं, उन्हें सहूलियत होगी और मुंबई की ओर आने- जानेवाले वाहन चालकों को भीड़ से छुटकारा मिलेगा। ऐसे में हर किसी को मेट्रो-७ के कमर्शियल रन का बेसब्री से इंतजार है। माना जा रहा है कि दिसंबर से जनवरी के मध्य में इस कॉरिडोर का कमर्शियल रन यानी यात्री सेवा शुरू हो जाएगी। फिलहाल मेट्रो-७ कोरिडोर के पहले चरण के तहत आनेवाले ९ स्टेशनों की बात करें तो सारे स्टेशनों के काम ८० फीसदी से अधिक पूरे हो चुके हैं।
मेट्रो-७ प्रोजेक्ट के कामों की वर्तमान स्थिति की अगर बात करें तो वाया डेक कास्टिंग का काम जून २०२१ में ९५ फीसदी था, जो अक्टूबर में १०० फीसदी, ट्रैक वर्क का काम जून में जहां ७७ फीसदी पूरा हुआ था, वहीं यह काम अक्टूबर में ८८ फीसदी, रोलिंग स्टॉक सहित सिस्टम वर्क की अगर बात करें तो जून महीने में ये काम ६० फीसदी पूरा हुआ था, जो अक्टूबर में ८५ फीसदी पूरा हुआ है। प्री इंजीनियरिंग बिल्डिंग वर्क भी जून में जहां ६१ फीसदी पूरा हुआ था, वह अब ८३ फीसदी पूरा हो चुका है।
प्री इंजीनियरिंग बिल्डिंग पीईबी स्टील वर्क स्टेशन रूफ का काम पूरा हो चुका है। मेट्रो स्टेशन के प्रवेश / बाहर का काम तेजी से जारी है। स्टेशन के आर्किटेक्चर वर्क का काम जल्द ही पूरा होनेवाला है। इसी तरह सभी मेट्रो स्टेशनों के फेशियल का काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो स्टेशन की बात करें तो मेट्रो-७ के सभी स्टेशनों का काम भी पूरा हो चुका है। केवल स्टेशन के आंतरिक और बाहरी लुक देने के अलावा स्टेशनों के नाम स्थापित करने का काम इन दिनों जारी है। ये सभी साधारण काम हैं, जिसे पूरा करने के लिए महज कुछ दिन ही काफी हैं। आकुर्ली स्टेशन मेट्रो-७ का मॉडल स्टेशन है, जो पूरी तरह से तैयार है। कुछ स्टेशनों पर एस्केलेटर भी लगाए जा चुके हैं, जबकि कुछ स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाने का काम प्रगति पर है।
रोजाना मेट्रो रूट पर कई महीने से तरह-तरह के तकनीकी ट्रायल जारी हैं। स्टेशन का काम प्रगति पर है। पाइलिंग वर्क, पाइल केप वर्क, पीयर वर्क १०० फीसदी हो चुका है। एमएमआरडीए के मुताबिक ब्रेकिंग सिस्टम और एस्क्लीयरेशन का सफल ट्रायल हो चुका है। मेट्रो के ६ प्रोटोटाइप कोच का अलग-अलग स्पीड से ट्रायल रन किया जा रहा है। भारत हेवी इलेक्ट्रिक मूवर्स बीएचईएल द्वारा निर्मित मेट्रो के पहले रेक का ट्रायल होने के बाद इन दिनों एमएमआरडीए बीएचईएल के सेकेंड रेक का ट्रायल कर रही है। इसी तरह एक-एक कर सभी मेट्रो रेक का ट्रायल इन दिनों जारी है। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर के अंत तक मेट्रो यात्री सेवा में शामिल हो जाएगी। सारी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद जब मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू होगा, तब वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे का ट्रैफिक लगभग २५ फीसदी घटकर सीधे मेट्रो में शिफ्ट हो जाएगा।


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