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मुंबई, कोरोना महामारी के बाद मनपा द्वारा संचालित अस्पतालों की स्थिति और बेहतर होनेवाली है। जानकारी के अनुसार जैसे ही महामारी पूरी तरह समाप्त होती है, वैसे ही जंबो कोविड केयर सेंटरों में करोड़ों रुपयों की लागत से खरीदे गए मेडिकल उपकरणों को मनपा उपनगरीय के साथ चार बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। कोरोना महामारी में लाखों लोगों की जान बचानेवाले इन मेडिकल उपकरणों का उक्त अस्पतालों में उपयोग किया जाएगा। बता दें कि जंबो कोविड सेंटरों में बेड, वेंटिलेटर, एक्स-रे मशीन जैसे कई आवश्यक चिकित्सा उपकरण मुहैया कराए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जिस समय कोरोना महामारी चरम पर थी, उस दौरान अस्पतालों में बेड की कमी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए मनपा के स्वास्थ्य विभाग ने वर्ली, बीकेसी, गोरेगांव, मुलुंड और दहिसर में जंबो कोविड केयर सेंटर स्थापित किए। इन कोविड केयर सेंटरों पर हजारों मरीजों का इलाज कर उन्हें इस जानलेवा बीमारी से बचाया गया। इतना ही नहीं तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए इससे लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुछ और सेंटरों को तैयार किया।
मुंबई में वर्तमान समय में कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ११ जंबो कोविड सेंटर कार्यरत हैं। हालांकि अब महामारी नियंत्रण में है। मुंबई में प्रतिदिन ५०० से कम नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। इनमें से केवल २५ प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है।
स्वास्थ्य विभाग दिसंबर के बाद कुछ कोविड सेंटरों को बंद करने की योजना बना रहा है। यदि सेंटर बंद होते हैं तो यहां मौजूद बेड, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण विभाग उपनगरीय अस्पतालों और प्रमुख अस्पतालों में स्थानांतरित कर सकता है, ताकि गैर-कोविड मरीजों का इलाज किया जा सके। अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकाणी के मुताबिक मुंबई में बहुत कम कोविड मरीज हैं। इनमें २५ प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में हमारे जंबो कोविड सेंटर खाली हैं। यदि दिसंबर तक कोविड के मामले नहीं बढ़ते हैं तो कुछ सेंटर बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही साल २०२२ तक मनपा के दो से तीन अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे। ऐसे में हम जंबो कोविड सेंटर के चिकित्सा उपकरण और बेड इन अस्पतालों में मुहैया करा सकेंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई के ११ जंबो कोविड सेंटरों में करीब १० हजार बेड के अलावा ४०० वेंटिलेटर, ४० डायलिसिस मशीन और ५० एक्स-रे मशीन उपलब्ध हैं। यह संख्या बहुत बड़ी है। इसका उपयोग कोविड के बाद गैर-कोविड मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा। इसके अलावा उपनगरीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की भी योजना है।


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