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मुंबई : विराज प्रसाद पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उन्होंने ओबरॉय स्प्लेंडर से प्रभादेवी में अपने ऑफिस तक के लिए ओला कैब बुक की। जब उन्होंने ड्राइव को फोन किया तो उसने कहा कि वह लोकेशन नहीं ढूंढ पा रहा। ड्राइवर ने विराज से ओटीपी मांगा और बताया कि राइड शुरू करने के लिए दूसरा ओटीपी आएगा। विराज ने उसकी बातों में आ गए और अपने ओला मनी अकाउंट से 10,000 रुपये गंवा बैठे। इसी तरह एक टॉप न्यूज चैनल में फाइनैंस एग्जिक्युटिव नितिन माथुर को भी 4,000 रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। 

दोनों को ठगने वाला ड्राइवर सस्पेंड 

प्रसाद ने मेघवाड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। माथुर ने ट्विटर पर अपनी कहानी बताई। ओला के प्रवक्ता का इस बारे में कहना है कि कंपनी की ओर से हमेशा कस्टमर्स को बताया जाता है कि लॉगिन डीटेल्स, ओटीपी जैसी जानकारियां किसी से भी न बताएं। ओला ने यह जानकारी भी दी है कि यह काम करने वाले ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया गया है। 

सुरक्षा के लिए ही बना है ओटीपी 

साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कोई शख्स किसी दूसरी डिवाइस पर किसी शख्स के ओला ऐप को चलाने की कोशिश करता है, तो एक ओटीपी जनरेट होता है जो सही मालिक के पास जाता है ताकि किसी तरह से ऐप का गलत इस्तेमाल न हो सके। बिना उस ओटीपी के ट्रांजैक्शन आगे नहीं बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि किसी तरह ड्राइवर ने दोनों के ऐप हासिल कर लिए और ओटीपी की मदद से 14,000 रुपये पार कर दिए। 


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