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मुंबई, महानगरपालिका ने स्टार्टअप उद्योग के तहत नए उद्यमियों को विभिन्न विभागों से जोड़कर काम करने की योजना शुरू की है। पहले चरण में ऐसी ५ कंपनियों को मौका दिया गया है। इस योजना को सोसायटी फॉर मुंबई इंक्यूबेशन एंड इंट्रप्रेनरशिप (स्माइल) नाम दिया गया है। इसके तहत एक कंपनी ने ऐसे उपकरण बनाए हैं, जो डायबिटीज होने से पहले ही बता देगा कि आपका डायबिटीज किस लेवल पर है और कितना सजग होने की जरूरत है। इसी के साथ एक अन्य कंपनी ने ब्लूटूथ बेस्ड स्टेथोस्कोपिक को बनाया है, जो बिना आदमी के शरीर को छुए तापमान व धड़कन को जांच कर रिपोर्ट देगा। इसके अलावा भी एक कंपनी जीनोम सिक्वेंसिंग, एक कंपनी कचरा व्यवस्थापन पर काम करेगी, तो एक कंपनी कृत्रिम हाथ बनाएगी।
यह कंपनी संक्रमित बीमारियों के लिए वर्चुअल (जीनोमिक) बदलाव पर काम करेगी। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए मनपा ने प्रयोगशाला बनाई है। अब इस कंपनी के आने से और मदद मिलेगी।
इस कंपनी ने कृत्रिम हाथ बनाया है, जो अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक प्राकृतिक और सहज होगा। इसका परीक्षण जल्द मनपा के स्वास्थ्य विभागों की मदद से किया जाएगा।
यह कंपनी कचरे से ऊर्जा उत्पादन के लिए काम करेगी। कचरा, नाले का पानी, नाले के कचरे को छानकर बिजली बनाने का काम करेगी।
इस कंपनी ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जो `ब्लूटूथ बेस्ड स्टेथोस्कोप’ है। इस आधुनिक उपकरण से रोगियों से सुरक्षित दूरी पर रहते हुए उनकी जांच की जा सकेगी। इस ब्लूटूथ हेडफोन द्वारा मरीज के अंगों की धड़कन डॉक्टर को सुनने में मदद होगी। यह डिवाइस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से चलेगा।
इस कंपनी ने एक नई न्यूरोथेरेपी स्क्रीनर डिवाइस विकसित किया है, जो डायबिटीज को रोकने में मदद करेगा। डायबिटीज होने से पहले ही संकेत देने लगेगा। इस डिवाइस का उपयोग मनपा अस्पतालों में प्रयोगात्मक सिद्धांतों के तौर पर किया जाएगा। इससे डायबिटीज के मरीजों की संख्या में नियंत्रण लाने में मदद होगी।


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