सुधरी लेट-लतीफी, 'राइट टाइम' ट्रेन के मामले में पश्चिम रेलवे अव्वल, दूसरे पर मध्य रेलवे
मुंबई : मुंबई में लोकल ट्रेनें वक्त पर नहीं चलने की शिकायत हमेशा रहती है लेकिन वक्त पर ट्रेनों के परिचालन के मामले में पश्चिम रेलवे 91.5 प्रतिशत के साथ भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम रही है। इसके बाद मध्य रेलवे का नंबर आता है जिसकी ट्रेनें 2018-19 के वित्तीय वर्ष में 86.42 प्रतिशत टाइम पर चलीं। बता दें कि भारतीय रेलवे में कुल 17 जोन हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सभी जोन को कम से कम 90 प्रतिशत बार ट्रेनों को वक्त पर चलाने का आदेश दिया था।
पिछले एक साल से चल रही थी रेल मंत्री की कवायद
गोयल पिछले एक साल से सभी जोन की ट्रेनों को वक्त पर चलाने को लेकर कवायद कर रहे थे। नतीजतन परिणाम में सुधार हुआ है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंद्र भाकर के अनुसार, 'लगातार रखरखाव के कारण युनिट और मशीनरी फेल होने के मामले घटे हैं। इसके कारण ट्रेनों को 91 प्रतिशत वक्त पर चलाने में सफलता मिली है।'
गौरतलब है कि, पश्चिम रेलवे पर 510 लंबी दूरी की ट्रेनें चलती हैं। इनमें से 210 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें हैं और 300 पैसेंजर ट्रेनें हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यदि गुर्जर आंदोलन न हुआ होता और गुजरात में भारी बारिश नहीं हुई होती तो ट्रेनों को वक्त पर चलाने के आंकड़े में और सुधार होता।
पिछड़ा मध्य रेलवे
ट्रेनों को वक्त पर चलाने के मामले में मध्य रेलवे पिछले प्रदर्शन से पिछड़ गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में मध्य रेलवे 90 प्रतिशत समय ट्रेनों का वक्त पर परिचालन किया था जबकि यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2018-19 में घटकर 86.5 रह गया। भाकर के अनुसार, 'पश्चिम रेलवे ने यात्री डिब्बों का उपयोग सबसे ज्यादा किया है। पश्चिम रेलवे का हर एक यात्री डिब्बा दिनभर में औसतन 572 किमी दौड़ा है।' मध्य रेलवे का प्रत्येक यात्री कोच दिनभर में औसतन 560 किमी दौड़ा है।