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मुंबई, मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाजे ने प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए हैं. वाजे ने कहा है कि उसने देशमुख के कहने पर वसूली की. उसने दावा किया कि वो जो भी रकम वसूलता था, उसमें से उसे कुछ नहीं मिलता था. बयान में सचिन वाजे ने कहा, 'मुझे कुछ भी आर्थिक लाभ नहीं हुआ है. मैं ऑर्केस्ट्रा बार से जो भी रकम वसूल की थी, वो कुंदन शिंदे को दे दी थी.' उसने कहा, 'नौकरी बहाल होने के बाद मुझ पर अपनी नौकरी बचाने का राजनीतिक दवाब था, जिसके कारण अनिल देशमुख के निर्देश पर ये काम किया.
अपने 6 पन्ने के बयान में सचिन वाजे ने बताया कि उसने मुंबई पुलिस के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को अनिल देशमुख की ओर से दिए जा रहे आदेशों की जानकारी दी थी और उन्होंने उसे उन आदेशों को न मानने की सलाह दी थी. हलाांकि, इसके बावजूद वाजे पैसा वसूलते रहे. वाजे ने बताया कि परमबीर सिंह को इस बारे में नहीं पता था कि मैं देशमुख के निर्देशों पर ऑर्केस्ट्रा बार से वसूली कर रहा हूं. वाजे ने दावा किया कि प्रवर्तन के डीसीपी डॉ. राजू भुजबल और सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल इस बारे में जानके थे.
वाजे ने बताया कि रेस्टोरेंट और बार के अलावा हुक्का लॉन्ज से भी वसूली करने की तैयारी थी. इसे लेकर फरवरी 2021 में अनिल देशमुख ने ध्यानेश्वरी मे एक मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में देशमुख के बेटे सलिल देशमुख और ट्रू ट्राम ट्रंक के मालिक अंकित आनंद भी मौजूद थे. यहां तय हुआ कि एक कलेक्शन सिस्टम बनाया जाएगा. लेकिन मार्च में वाजे की गिरफ्तारी के बाद इसे टाल दिया गया.
वाजे ने अपने बयान में दावा किया है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार उनकी बहाली के खिलाफ थे. हालांकि, देशमुख ने कहा था कि वो उन्हें मना लेंगे. वाजे ने दावा किया कि देशमुख ने उनसे बहाली के बदले में 2 करोड़ रुपये देने की मांग की थी. वाजे ने बताया कि जुलाई 2020 में परमबीर सिंह ने 10 डीसीपी की ट्रांसफर और पोस्टिंग का आदेश जारी किया था. वाजे ने बताया, 'उस लिस्ट में जिनके नाम थे, उन सभी से 40 करोड़ रुपये लिए गए. इसके बाद अनिल देशमुख और अनिल परब को 20-20 करोड़ रुपये मिले.

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