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मुंबई, लंबी दूरी के रेल यात्रियों की उबाऊ यात्रा अब खत्म होनेवाली है। रेलवे आनेवाले दिनों में अपनी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने जा रही है, जिससे उनका सफर सुहाना हो जाएगा। दरअसल रेलवे ‘जीरो बेस्ड टाइम टेबल’ के आधार पर यह बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके तहत देशभर में चलनेवाली ८,००० से अधिक ट्रेनों का समय बदल जाएगा। ऐसा करने से ट्रेन की स्पीड बढ़ेगी और यात्रियों का कीमती समय भी बचेगा। हालांकि इस दौरान कई ट्रेनें बंद भी कर दी जाएंगी।
मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ‘जीरो बेस्ड टाइम टेबल’ पर पिछले डेढ़ साल से काम चल रहा है। कोरोना काबू में रहा तो इसे २०२२ में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। लॉकडाउन में ट्रेनें बंद होने का फायदा उठाते हुए रेलवे ने आईआईटी मुंबई के साथ मिलकर ट्रेन परिचालन की नई समय-सारिणी बनाई है। इसे ऐसे तैयार किया गया है, जिससे न केवल ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी, बल्कि संचालन समय भी घटेगा। इसके चलते देशभर में चलनेवाली करीब ८,२०२ यात्री ट्रेनों के समय में ५ से १।३० घंटे तक का बदलाव होगा।
७३ डिविजनों की करीब ५०० ट्रेनें लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ी हैं। ऐसे में उन्हें नहीं चलाने का फैसला लिया गया है। इसके बदले १,००० से ज्यादा पैसेंजर को एक्सप्रेस, मेल एक्सप्रेस ट्रेन व सुपरफास्ट में अपग्रेड कर दिया गया है। इसके अलावा करीब १० हजार छोटे स्टेशनों पर इन ट्रेनों का ठहराव बंद हो जाएगा।
जीरो बेस्ड टाइम टेबल तैयार करते समय ये माना जाता है कि ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं है। हर ट्रेन को नई ट्रेन की तरह समय दिया जाता है। इस तरह एक-एक कर सभी ट्रेनों के चलने का समय तय किया जाता है। इससे हर ट्रेन के चलने और किसी स्टॉपेज पर रुकने का समय दिया जाता है। ध्यान रखा जाता है कि ट्रेन न तो किसी अन्य ट्रेन की वजह से खुद लेट हो और न ही किसी दूसरी ट्रेन को प्रभावित करे। नए टाइम टेबल में कुछ मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों को सुपरफास्ट ट्रेन का दर्जा भी दिया जाएगा। जिन १०,००० स्टॉपेज को बंद किया जा रहा है, उनमें से अधिकतर स्टॉपेज धीमें चलनेवाली पैसेंजर ट्रेनों की हैं। जिन पैसेंजर ट्रेनों में किसी ‘हॉल्ट स्टेशन’ पर कम-से-कम ५० यात्री चढ़ते या उतरते हों, वहां का स्टॉपेज खत्म नहीं किया जाएगा।


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