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मुंबई, मुंबई मनपा को एक बार फिर शाबाशी मिली है। इस बार मनपा की पीठ मुंबई हाईकोर्ट ने थपथपाई है। यह पीठ असमर्थ मरीजों के घर जाकर उनकी वैक्सीनेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए थपथपाई गई है। मनपा को शाबाशी का यह दूसरा डोज मिला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और प्रबंधन को लेकर मनपा के मुंबई मॉडल की सराहना की थी। उस समय भी सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को मुंबई मॉडल का अनुसरण करने की सलाह दी थी। इस बार मुंबई हाई कोर्ट ने मनपा के ‘डोर टू डोर’ वैक्सीनेशन अभियान का अनुसरण करने का सुझाव अन्य मनपाओं को दिया है। इस अभियान के तहत मनपा द्वारा की जानेवाली वैक्सीनेशन प्रक्रिया को कोर्ट ने ‘बेस्ट’ बताया है। ऑक्सीजन और वैक्सीनेशन ही नहीं, बल्कि धारावी मॉडल के लिए भी पूरे विश्व में मुंबई मनपा चर्चित रही है। विश्व के कई देशों ने कोरोना की पहली लहर को कंट्रोल करने के लिए धारावी मॉडल अपनाया था। इसके अलावा दूसरी लहर में ऑक्सीजन आपूर्ति और प्रबंधन के मुंबई मॉडल को देश की राजधानी दिल्ली ने अपनाया था।
सही दिशा में बढ़ रही है मुंबई मनपा-हाईकोर्ट ने की सराहना
सामना संवाददाता / मुंबईमुंबई हाई कोर्ट ने कल मुंबई मनपा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मुंबई मनपा वैक्सीनेशन अभियान को सही दिशा में ले जा रही है। चलने-फिरने में असमर्थ और अति वृद्ध लोगों को ‘डोर टू डोर’ वैक्सीन की खुराक देकर मुंबई मनपा सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
गौरतलब हो कि घर से निकलने में असमर्थ लोगों को भी कोरोना वैक्सीन का अधिकार है। केंद्र व राज्य इसके लिए नीति में बदलाव करें, इस मांग को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने मुंबई मनपा की यह सराहना की। मनपा की ओर से पेश हलफनामे का हवाला देते हुए खंडपीठ ने बताया कि इस वर्ष मनपा के पास ३० जुलाई से ९ अगस्त तक ‘डोर टू डोर’ वैक्सीनेशन के लिए ४,८८९ लोगों ने पंजीकरण कराया है, इनमें से १,३१७ लोगों को उनके घर जाकर वैक्सीन की खुराक दी गई है। पंजीकृत लाभार्थियों का यह आंकड़ा लगभग २५ प्रतिशत है। उत्साहजनक बात यह है कि डोर टू डोर वैक्सीनेशन के तहत वैक्सीन लेने वालों में से किसी पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। हम अपनी संतुष्टि दर्ज करते हैं कि मनपा सही दिशा में आगे बढ़ रही है। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य मनपा भी आनेवाले दिनों में इस मॉडल का अनुसरण करेगी।
वकील ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में ७५ वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग लोगों को घर पर वैक्सीन उपलब्ध कराने एवं उन्हें ४८ घंटे तक निगरानी में रखने के लिए केंद्र और राज्य को निर्देश देने की मांग की गई है। कपाड़िया ने ‘डोर टू डोर’ वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार की नीति में प्रभावी सुधार के लिए अतिरिक्त सुझाव भी याचिका में दी है। राज्य सरकार की वकील गीता शास्त्री ने बताया कि सुझावों को राज्य के कोरोना टास्क फोर्स को विचार के लिए भेज दिया गया है।






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