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महाराष्ट्र : मंगलवार को मंत्रालय की बिल्डिंग से शराब की कई खाली बोतलें बरामद हुईं हैं। इन्हें कैंटीन के पास डक एरिया में खाली कर फेंका गया था। बोतल मिलने की जानकारी मिलते ही प्रशासन एक्टिव हो गया और आननफानन में उन्हें वहां से हटाया गया। हालांकि, इस घटना की जानकारी विपक्ष यानी भाजपा नेताओं को जैसे ही हुई, इसपर राजनीति शुरू हो गई। विपक्ष ने शराब की बोतलों के बहाने महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधा।

बीजेपी की नेता चित्रा वाघ ने महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह नशेड़ी सरकार है। उन्होंने कहा कि अब पता चला कि आखिर क्यों ठाकरे सरकार ने सबसे पहले दारू की दुकानें खोलने की इजाजत दी थी। राज्य में अभी तक मंदिर बंद हैं लेकिन शराब की दुकानें खुली हुई हैं।

चित्रा वाघ ने कहा कि जिस मंत्रालय को सबसे सुरक्षित माना जाता है। जहां दाखिल होने के लिए कई सुरक्षा जांचों से होकर गुजरना पड़ता है। वहां यह शराब की बोतलें कैसे पहुंची। इसका जवाब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य की जनता को देना होगा।

प्रवीण दारेकर ने कहा, 'मंत्रालय में शराब की बोतलें मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, परेशान करने वाला और शर्मनाक है। एक तरफ तो मंत्रालयों तक आम आदमी नहीं पहुंच सकता, ऐसे में शराब की बोतलें यहां कैसे पहुंच सकती हैं। मंत्रालय में शराब की बोतलें कौन लाया और किसके लिए आईं हैं? इन सभी मामलों की जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।' कुछ दिन पहले जलगांव के सरकारी दफ्तर में दिन दहाड़े सरकारी कर्मचारियों की दारू पार्टी का वीडियो वायरल हुआ था। जिसपर कार्रवाई के आदेश मिनिस्टर गुलाबराव पाटिल ने दिए थे।

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