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मुंबई, लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि आज का दिन भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन है। देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने जान न्यौछावर करके लड़ाई लड़ी। उनके दृढ़ संकल्प के कारण ही हमें यह दिन देखने को मिल रहा है। देश के लिए उस समय जो मूल्य और सिद्धांत मौजूद थे, उनकी तुलना आज के मूल्यों, सिद्धांतों की जाए तो उसकी तिलांजलि दी जा रही है, लोकतंत्र खतरे में है, आज जिस पद्धति से कार्यभार शुरू है उसका कोई फायदा नही है, अब असली लोकतंत्र को फिर से स्थापित करने की चुनौती है।
९ अगस्त १९४२ को इसी कांति मैदान से जुल्मी, अत्याचारी, ब्रिटिश सरकार को ‘देश छोड़ो’ का नारा दिया गया था और देशभर में आंदोलन खड़ा किया गया था। ‘देश छोड़ो’ आंदोलन ने ब्रिटिश शासन को झकझोर कर रख दिया और अंतत: १५ अगस्त १९४७ को भारत स्वतंत्र हुआ और देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई। इस स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस पार्टी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन जिन लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान नहीं दिया, वे आज सत्ता में हैं और कड़ी मेहनत से मिली स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने का काम वर्तमान में कर रहे हैं। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को अक्षुण्ण रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।


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