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ठाणे, शहर में होने वाले प्रदूषण तथा जाम से मुक्ति दिलाने के मकसद से तैयार की गई खारे गांव से गायमुख कोस्टल मार्ग परियोजना के विकास पर महामंथन का दौर जारी है। इस मार्ग के आकार लेने के बाद यहां का सफ सुहाना हो जाएगा। इस परियोजना में लगने वाली जमीन के अधिग्रहण को लेकर मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा तथा ठाणे जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर के बीच एक सकारात्मक चर्चा हुई है। घोडबंदर रोड के पर्याय के रूप में १३ किमी लंबी, ८ लेन की प्रस्तावित इस कोस्टल रोड परियोजना पर १,२५० करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है। पालक मंत्री एकनाथ शिंदे इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
१३ किमी लंबी खारे गांव से गायमुख कोस्टल मार्ग परियोजना के लिए ६ लाख, १० हजार, ६८१ वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता है। इसमें २.७४ किमी मार्ग के लिए लगने वाली जमीन मनपा के पास है, बाकी बची ४ लाख ८७ हजार वर्ग मीटर से ज्यादा की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इनमें से ३ लाख ८२ हजार वर्ग मीटर जमीन शासकीय है। इसी जमीन को लेकर मनपा मुख्यालय में आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा के साथ जिलाधिकारी नार्वेकर की बैठक हुई है, जिसमें जमीन अधिग्रहण से जुड़ी कुछ खामियों को दूर करने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना में बाकी बची ९५,५१८ वर्ग मीटर जमीन निजी तथा ८६,३६३ वर्ग मीटर जमीन वन विभाग की है। जमीनों के अधिग्रहण की पूरी जिम्मेदारी मनपा को सौंपी गई है।
खरेगांव से गायमुख चौपाटी तक बनने वाले इस कोस्टल मार्ग परियोजना का कुछ भाग खाड़ी के ऊपर से गुजरने वाला है। इसी के मद्देनजर १.३ मीटर उन्नत मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। इस परियोजना का विकास घोडबंदर रोड के विकल्प के रूप में किया जा रहा है। स्थानीय स्तर के वाहनों को सुविधा प्रदान करने के मकसद से बाघविल परिसर में ५०० मीटर का भूमिगत मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वाहन चालक गायमुख जाने के बजाय इस भूमिगत मार्ग का उपयोग कर सकते हैं।

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