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मीरा-भायंदर : मीरा-भायंदर शहर में चुपके से पानी की चोरी होती है। इसका खुलासा पानी के मीटर रीडिंग से हुआ है। शहर को स्टेम प्राधिकरण से होनेवाली पानी की आपूर्ति में से ठाणे के माणकोली तथा चेना के बीच प्रतिदिन पानी चोरी होने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा हाल ही में चेना में लगाए गए मीटर रीडिंग से हुआ है। स्टेम प्राधिकरण से की जा रही पानी आपूर्ति में से करीब सात से आठ एमएलडी पानी प्रतिदिन चोरी हो रहा है, जिससे मीरा-भायंदर वासियों को पानी की किल्लत तो झेलनी पड़ ही रही है। साथ ही मनपा को भी इस चोरी हुए पानी की बिल अदायगी में लाखों रुपए की चपत लग रही है।

बता दें कि मीरा-भायंदर शहर को स्टेम प्राधिकरण से प्रतिदिन ८६ एमएलडी पानी आपूर्ति मंजूर की गई है। यहां से प्रतिदिन की जानेवाली पानी आपूर्ति की माप की गिनती के लिए ठाणे के माणकोली में बहुत पहले से ही मीटर लगा है। इस मीटर के रीडिंग के अनुसार ही मीरा-भायंदर महानगरपालिका से पानी का बिल वसूला जाता है। इस मीटर रीडिंग पर पहले से ही संशय था, जो अब चेना में मीटर लगने के बाद सत्य साबित हुआ। इस संबंध में विधायक गीता भरत जैन का कहना है कि शिवसेना सांसद राजन विचारे व मेरे प्रयासों से चेना में पानी की मीटर लगाया गया है। इस मीटर लगाने के पीछे उद्देश्य यह जानना था कि शहर को मंजूर कोटे के अनुसार पानी मिल रहा है या नहीं। अब स्टेम से पानी कम मिलने की बात का खुलासा हो गया है। इसकी जांच कर शहरवासियों को मंजूर कोटे का पूरा पानी दिलाऊंगी।

दरअसल, माणकोली में लगे पानी मीटर की रीडिंग और चेना में लगे मीटर की रीडिंग में भारी अंतर देखा जा रहा है। दोनों मीटर में प्रतिदिन ७ से ८ एमएलडी पानी का अंतर है। पानी आपूर्ति केंद्र से मीरा-भायंदर शहर सबसे अंतिम छोर पर स्थित है, जिससे यहां तक पहुंचते-पहुंचते पानी का दवाब ऐसे ही कम हो जाता है। ऊपर से स्टेम से मिलनेवाले पानी में से चोरी हो जाने के कारण शहरवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है और २४ से ४८ घंटे के अंतराल पर पानी आपूर्ति की जा रही है। इस बारे में कार्यकारी अभियंता, (जलापूर्ति विभाग) दीपक खांबित का कहना है कि इस संदर्भ में स्टेम प्राधिकरण से चर्चा शुरू है। मनपा प्रशासन भी पानी कहां चोरी हो रही इसकी खोज कर रही है।


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