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मुंबई, महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र में पहले दिन २३,१५० करोड़ की पूरक मांग दोनों सदनों में रखी गई। इसमें १,४०२ करोड़ रुपए कोरोना से निपटने के लिए प्रावधान किया है जबकि ६,८९५ करोड़ की मांग अनिवार्य खर्च का है। कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए ६,१६० करोड़ रुपए और विधायकों की विकास निधि के लिए ३१० करोड़ रुपए की व्यवस्था पूरक मांगों में की गई है।
दो दिन के सत्र में पहले दिन उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में वर्ष २०२१-२२ के लिए २३,१४९.७५ करोड़ रुपए की पूरक मांग पेश की। स्वास्थ्य, पीडब्लूडी, जलापूर्ति-स्वच्छता व सामाजिक न्याय विभाग के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार के उदय योजना पर अमल करने व कर्जवापसी के लिए ४,९६० करोड़ रुपए, जल जीवन मिशन के लिए ३,८०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके साथ ही कोरोना महामारी से निपटने के लिए १,४०२ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वित्तमंत्री अजीत पवार द्वारा पेश की गई पूरक मांगों में १,८४१ करोड़ रुपए का प्रावधान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान के लिए किया गया है। मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग के लिए दिए गए कर्ज के ब्याज की भरपाई के लिए १,२०० करोड़, हायब्रीड एन्यूटी के तहत सड़क व पुल बनाने के लिए १,१५० करोड़, श्रावण बाल सेवा राज्य सेवानिवृत्त वेतन योजना के लिए ६०० करोड़, महामार्ग बनाने के लिए ४५० करोड़ रुपए व ४००-४०० रुपए संजय गांधी निराधार अनुदान योजना और आंगनबाड़ी कर्मचारियों को मानधन देने के लिए पूरक मांगों में प्रावधान किया गया है।




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