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मुंबई, बीडीडी चॉल पुनर्विकास और पुनर्वास का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संबंधित अधिकारियों को चॉल के पुनर्विकास और पुनर्वास के संबंध में तत्काल कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि इस काम में कोई बेघर न होने पाए। पुलिस आवास के मामले में नीतिगत निर्णय लेने के लिए मंत्री स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया है।
मुख्यमंत्री के सरकारी निवास स्थान ‘वर्षा’ बंगले पर बीडीडी चॉल पुनर्विकास के मामले को लेकर कल बैठक हुई। बैठक में बीडीडी चॉल पुनर्विकास में पुलिसवालों को आवंटित आवासों में दिवंगत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिवारों को घर उपलब्ध कराने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के आवासों के पुनर्विकास और पुनर्वास के प्रारूप तैयार करने के लिए कार्यवाही करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीडीडी
चॉल पुनर्विकास में कोई भी पुनर्वास से वंचित नहीं रहेगा। बीडीडी चॉल का पुनर्विकास एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। योजनाबद्ध तरीके से इसे पूरा करने का प्रयास है। इस स्थान पर पुलिसकर्मियों को दिए गए कुछ आवासों में दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भी हैं। पुनर्विकास में पुलिस सेवा आवासों की संख्या को अबाधित रखा जाए और वर्तमान में रह रहे पुलिसकर्मियों के परिवारों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विकल्पों के माध्यम से घर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए प्लानिंग करनी होगी। म्हाडा के माध्यम से पुनर्विकास और पुलिस को आवंटित मकानों के वितरण के संदर्भ में प्रारूप तैयार किया जाए। इस बैठक में गृहमंत्री दिलीप वलसे-पाटील, गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड, पर्यटन, पर्यावरण व राजशिष्टाचार मंत्री आदित्य ठाकरे, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीषकुमार सिंह, गृह विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले, गृहनिर्माण विभाग के प्रधान सचिव मिलिंद म्हैसकर, म्हाडा के उपाध्यक्ष अनिल डिग्गीकर, पूर्व विधायक सचिन अहिर, सुनील शिंदे, नगरसेवक आशीष चेंबूरकर आदि उपस्थित थे।


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