सीरो सर्वे में खुलासा, ५१.१८% बच्चों में एंटीबॉडी
मुंबई, कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच मुंबई के बच्चे ‘बाल योद्धा’ बनकर उभरे हैं। तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए मुंबई मनपा ने दूसरी लहर में ही १८ से कम उम्रवाले बच्चों पर सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण करवाया था। इस सर्वे की रिपोर्ट में ५१.१८³ बच्चों में कोरोना वायरस से लड़ने की एंटीबॉडी पाई गई है। इन बच्चों को दूसरी लहर में यह भी नहीं पता चला कि कोरोना आया और उन्हें छूकर निकल भी गया। विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि तीसरी लहर में बच्चों पर कोरोना का खतरा कम रहेगा। राहत की बात यह भी है कि पिछले सर्वे की तुलना में इस बार अधिक बच्चों में एंटीबॉडीज तैयार हुई हैं।
बता दें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका विशेषज्ञों ने जताई थी। इसके तहत मनपा ने बच्चों पर सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया था। विशेषज्ञों की अगुवाई में एक अप्रैल से १५ जून के बीच मनपा ने मुंबई में २,१७६ बच्चों के रक्त के नमूनों को जुटाकर एक सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण कराया। यह सर्वे मनपा के कस्तूरबा अस्पताल के मॉलिक्यूलर लैब और नायर अस्पताल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। मनपा द्वारा एकत्रित किए गए नमूनों में ५४.३६ प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडीज पाई गर्इं जबकि निजी लैबोरेटरी से संकलित किए गए नमूनों में से ४७.०३ प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडीज मिले।
सर्वाधिक १० से १४ साल की उम्र के ५३.४३ फीसदी बच्चों में एंटीबॉडीज पाई गई और एक से ४ वर्ष आयु के ५१.०४ प्रतिशत बच्चों में, ५ से ९ वर्ष के आयु के ४७.३३ प्रतिशत, १० से १४ वर्ष आयु के ५३.४३ प्रतिशत और १५ से १८ वर्ष आयु के ५१.३९ प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडीज पाई गर्इं। एक वर्ष से १८ वर्ष से कम आयु के औसतन ५१.१८ प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडीज मिली।
मार्च २०२१ में किए गए पिछले सीरो सर्वे में १८ साल से कम उम्र के करीब ३९.०४ फीसदी बच्चों में एंटीबॉडीज मिले थे। पिछले सर्वे की तुलना में अब की बार एंटीबॉडीवाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है। अर्थात १८ साल से कम उम्र के बच्चे दूसरी लहर के दौरान कोरोना के संपर्वâ मे आ चुके हैं और ठीक भी हो गए हैं।
मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकाणी ने बताया कि सर्वे में कोरोना की वैक्सीन ले चुके लोगों को भी कोरोना होने का खुलासा हुआ है। दूसरी खुराक ले चुके लगभग दस लाख लोगों में से मात्र २६ लोगों को कोरोना हुआ जबकि पहली पहली खुराक ले चुके लोगों में से १०,५०० लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन आंकड़ों से ये स्पष्ट है कि कोरोना से बचाने में वैक्सीन काफी कारगर है।