मुंबई कांग्रेस में बगावत : भाई जगताप के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं वरिष्ठ नेता
मुंबई : बीएमसी के चुनाव सिर पर हैं। कांग्रेस इन चुनावों में अकेले लड़ने का दम भर रही है, लेकिन मुंबई के तमाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुंबई कांग्रेस से दूरी बनाए हुए हैं। कहने को तो सोनिया गांधी ने मुंबई के तमाम वरिष्ठ नेताओं को मुंबई कांग्रेस में अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मुंबई कांग्रेस में हालात ऐसे हैं कि कोई भी वरिष्ठ नेता मुंबई कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक ही नहीं है। यही वजह है कि मुंबई के कांग्रेस की कैंपेन कमिटी के चेयरमैन नसीम खान ने खुद को मुंबई कांग्रेस से ज्यादा महाराष्ट्र कांग्रेस में व्यस्त कर लिया है। मुंबई कांग्रेस की कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनाए जाने के बाद उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस का कार्याध्यक्ष भी बनाया गया। हाल ही में उन्हें ठाणे और नवी मुंबई महानगरपालिकाओं की जिम्मेदारी भी दी गई है। नसीम खान पहले ही मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप के साथ काम करने को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं थे, सो उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया और मुंबई कांग्रेस से दूरी बना ली है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि नसीम खान राज्य के पूर्व मंत्री हैं और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप से काफी वरिष्ठ हैं। इसलिए यह कहा जा रहा है कि वह उनके अधीन रहकर काम करने के इच्छुक ही नहीं थे।
को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन बनाए गए अमरजीत सिंह मन्हास भी शुरुआत से ही मुंबई कांग्रेस से दूरी बनाए हुए हैं। मन्हास के करीबी लोगों का कहना है कि इसकी प्रमुख रूप से दो वजह हैं। पहली यह कि मन्हास खुद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में थे, दूसरी वजह यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें भले ही को-ऑर्डिनेशन कमिटी का चेयरमैन बनाया है, लेकिन मुंबई कांग्रेस खुद उनके साथ कोई को-ऑर्डिनेशन नहीं रखना चाहती। इसी तरह मुंबई कांग्रेस की मेनिफेस्टो और पब्लिकेशन कमिटी के चेयरमैन बनाए गए पूर्व मंत्री सुरेश शेट्टी ने भी मुंबई कांग्रेस से दूरी बनाई हुई है।