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मुंबई : कोरोना संकट के बीच मंगलवार से ऑनलाइन पद्धति से नए शिक्षा सत्र 2021-22 की शुरुआत हुई। फिलहाल स्कूल नहीं खुलेंगे और पहली से बाहरवीं तक के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी। स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता छात्रों की सेहत और सुरक्षा है।  शिक्षा विभाग अगले 15 से 20 दिनों में कोरोना की स्थिति का अध्ययन करेगा। यदि स्थिति सामान्य हुई तो स्थानीय परिस्थिति के अनुसार स्कूलों को खोलने का फैसला लिया जाएगा। नए सत्र के पहले दिन वर्षा गायकवाड ने छात्रों से ऑनलाइन बातचीत की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के चलते स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। छात्र जूम, यूट्यूब, दीक्षा एप, वाट्सएप का उपयोग कर अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। ऑफलाइन शिक्षा के लिए सह्याद्री चैनल, रेडियो और पीडीएफ के स्वरूप में किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल छात्रों का लगातार मूल्यांकन होगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर स्कूल खोलने का फैसला लिया जाएगा।  

स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के रिजल्ट के लिए आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जुलाई  के पहले या दूसरे सप्ताह में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को ग्यारहवीं में प्रवेश के लिए राज्य बोर्ड के जरिए सीईटी परीक्षा आयोजित की जाएगी। बारहवीं के विद्यार्थियों के रिजल्ट घोषित करने के लिए आंतरिक मूल्यांकन की नीति अगले कुछ दिनों में घोषित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि दसवीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के काम से जुड़े 13 हजार 300 शिक्षकों को लोकल ट्रेनों में सफर की अनुमति दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि स्कूलों के फीस नियंत्रण के लिए संबंधित कानून में संशोधन के लिए समिति का गठन किया गया है। कोई भी स्कूल विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकता।


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