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मुंबई : मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में खतरनाक इमारतों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए क्षेत्र की सभी महानगर पालिकाओं को क्लस्टर योजना तैयार करने का निर्देश नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया है। इस बारे में चर्चा के लिए एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया था। उन्होंने खतरनाक इमारतों के पुनर्वास में तेजी लाने के लिए लंबित मामलों पर तेजी से फैसले लेने के लिए अदालत से अनुरोध करने का भी निर्देश दिया। एमएमआर क्षेत्र के सभी मनपा आयुक्तों ने कहा कि खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास में देरी की वजह मालिक और किरायेदारों के बीच विवाद और कानूनी प्रक्रिया में तहत स्टे मिलना है। इस पर शिंदे ने प्रत्येक महानगरपालिका से अपनी सीमा में क्लस्टर योजना लागू करने के निर्देश दिए। इसके अलावा जो इमारत क्लस्टर योजना में शामिल नहीं हो सकती, उसके पुनर्विकास के लिए सरकार की तरफ से क्या योजना बनाई जा सकती है, या फिलहाल की स्थिति में बनी योजना में क्या बदलाव हो सकते हैं, इस पर सुझाव देने के निर्देश पालिका आयुक्तों को दिए। उन्होंने कहा कि हर बारिश के मौसम में खतरनाक इमारत की समस्या होती है, ऐसे भवनों में रहने वाले नागरिकों के अस्थायी आश्रय के लिए प्रत्येक नगर पालिका क्षेत्र में ट्रांजिट कैंप स्थापित किए जाने चाहिए, जिसके लिए धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

खतरनाक इमारत गिरने पर तुरंत मदद के लिए एनडीआरएफ को बुलाया जाता है। इस दस्ते की तर्ज पर ठाणे नगर निगम ने टीडीआरएफ दस्ते का गठन किया है। इस दस्ते ने उल्हासनगर इमारत दुर्घटना और महाड इमारत दुर्घटना में उल्लेखनीय कार्य किया है, इसलिए प्रत्येक महानगरपालिका को तत्काल सहायता प्रदान करने वाले दस्ते बनाने चाहिए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में बिना समय बर्बाद किए तुरंत राहत कार्य शुरू करके अधिक से अधिक लोगों की जान बचाना संभव हो सके। बैठक में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव भूषण गगराणी, महेश पाठक और एमएमआर क्षेत्र के सभी महानगरपालिका आयुक्त और नगर पालिकाओं के मुख्य अधिकारी और ठाणे और रायगड के जिला कलेक्टर उपस्थित थे।


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