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मुंबई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र सरकार से ओबीसी वर्ग की तरह ही मराठा समुदाय को शैक्षणिक सुविधाएं और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के लिए 3,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने की शुक्रवार को मांग की। कोल्हापुर में संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस नीत पूर्व की सरकार ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बराबर शैक्षिणिक सुविधाएं और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक फॉर्मूला प्रस्तावित किया था। उन्होंने कहा, 'तीन हजार करोड़ रुपये के पैकेज के तहत, एक हजार करोड़ रुपया रोजगार पैदा करने के लिए अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक पिछड़ा विकास निगम को दिया जाना चाहिए। 500 करोड़ रुपये की राशि सारथी (छत्रपति साहू महाराज शोध प्रशिक्षण एवं मानव विकास संस्थान) को दिया जाए जबकि 600 करोड़ रुपये का प्रयोग मराठा विद्यार्थियों की फीस देने के लिए किया जाए।' पाटिल ने कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार को संविधान के 102वें संशोधन पर शीर्ष अदालत के फैसले के संबंध में उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र एसईबीसी कानून के तहत मराठा समुदाय को दिया जाने वाला आरक्षण समाप्त कर दिया था। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार को आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए। उन्होंने उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर मराठा आरक्षण मुद्दे पर जिम्मेदारी दूसरे के कंधे पर डालने का आरोप लगाया। उनका बयान शीर्ष अदालत के पांच मई के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के केंद्र के कदम के बाद आया है।


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