Latest News

मुंबई : कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत में मुंबई में स्थिति भयावह थी। एक-एक दिन में 11 हजार से भी ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे थे। अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे थे। ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और वेंटिलेटर्स की कमी का संकट था। लेकिन फिर स्थिति बदली। मुंबई महानगरपालिका प्रशासन के विजन और दृढ़ निश्चय ने अपना काम किया। अब मुंबई में एक महीने से कोरोना संक्रमण बिलकुल कंट्रोल में आ चुका है। नए पॉजिटिव केस 3 हजार से कम आ रहे हैं और हर रोज नए कोरोना मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा सामने आ रही है। इस चमत्कार को नमस्कार पहले सुप्रीम कोर्ट ने किया और अब नीति आयोग ने भी मुंबई मॉडल को प्रेरणा के तौर पर स्वीकार किया है। बीएमसी ने एक निश्चित योजना बनाकर और उसपर सख्ती से अमल कराकर कोरोना को आज कामयाबी के साथ कंट्रोल किया है। अलग-अलग विभागों और अस्पतालों से एक समन्वय का सिस्टम डेवलप कर बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी दूर की गई है। देश भर में लगातार हो रहे ऑक्सीजन के संकट को देखते हुए मुंबई की ऑक्सीजन वितरण प्रणाली की आज सबसे ज्यादा तारीफ की जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने खास तौर से इसका जि़क्र किया और दिल्ली और केंद्र सरकार को ह्यमुंबई मॉडलह्ण से सीख लेने की नसीहत दे डाली। अब नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल की प्रशंसा की है। बीएमसी आयुक्त की प्रशंसा करते हुए अमिताभ कांत ने एक ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय पद्धति से बेड का वितरण करना, ऑक्सीजन की उपलब्धता का सही अंदाज लगाना, इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड्स का वितरण करना और उनपर निगरानी रखने के लिए डैशबोर्ड तैयार करना, मरीजों का हाल-चाल जानने के लिए वॉर रूम तैयार करना। इन सबसे तैयार कोविड मैनेजमेंट का 'मुंबई मॉडल' प्रेरणा बना है। इसके लिए मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल और उनकी ग्रेट टीम का अभिनंदन है। कुछ इस तरह से नीति आयोग ने मुंबई मनपा और उसके आयुक्त की तारीफ की है।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement