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बंगाल : कोरोना को राष्ट्रीय आपदा माना गया है और उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को महाराष्ट्र सरकार ने इस आपदा की संवेदनशील उत्पत्ति का केंद्र माना है. पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने केरल, गोआ, गुजरात, दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान और उत्तराखंड को कोरोना आपदा की उत्पत्ति का संवेदनशील केंद्र माना था. शनिवार को महाराष्ट्र सरकार ने यह घोषणा की कि जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOP) इन राज्यों से महाराष्ट्र आने वाले लोगों पर लागू हो रहे हैं, वही नियम अब पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों पर भी लागू होंगे.

ऐसे लोगों को महाराष्ट्र के लिए यात्रा शुरू करने से 48 घंटे के भीतर करवाए गए RTPCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. यह निर्णय महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संकट को कम करने के लिए सावधानी के तहत लिया गया है. इन राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए यह नियम तब तक लागू होंगे जब तक अन्य आदेश द्वारा इसे हटा नहीं दिया जाता या जब तक कोरोना एक आपदा के रूप में कायम रहता है.

नियमों के तहत लंबी दूरी से आने वाली ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री अगर इन राज्यों से आ रहे हैं और उनका गुजरता महाराष्ट्र के स्टेशनों से हो रहा है तो उनसे संबंधित सारी जानकारियां रेलवे महाराष्ट्र के स्थानीय डिजास्टर मैनेजमेंट के साथ साझा करेगा. यह जानकारियां दिन प्रतिदिन स्थानीय डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी के साथ साझा की जाएगी. इसके साथ ही इन जानकारियों को ट्रेन जिस स्टेशन से चलना शुरू करती है, वहां से चलने के 4 घंटे पहले देना होगा. संबंधित राज्यों से आने वाली जो ट्रेनें महाराष्ट्र से होकर गुजर रही हैं उनके यात्रियों को महाराष्ट्र के किसी स्टेशन के लिए कोई चालू टिकट नहीं दिया जा सकेगा. सारे टिकट आरक्षित श्रेणी के होंगे. अगर कोई पैसेंजर अपने साथ RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर नहीं चलता है तो उसे स्टेशन पर रैपिड एंटीजेन टेस्ट करवाना होगा.


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