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मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री द्वारा ब्रेक द चेन अभियान के तहत और कड़े कदम उठाने की घोषणा के बाद मुंबई से वापस अपने प्रदेश लौटने वालों की भीड़ बढ़ गई। इस भीड़ को रेलवे नियंत्रण करती नजर आ रही है, लेकिन लोगों का स्टेशनों के बाहर जमा होना नहीं रुक रहा है। बिना टिकट एंट्री नहीं होने के बावजूद कई लोग इस आस में भी खड़े हैं कि किसी तरह डिब्बे में घुसने को मिल जाए। स्टेशनों पर भीड़ न हों, इसलिए रेलवे अब कतार बनाकर लोगों को एंट्री दी रही है। प्लैटफॉर्म टिकट की बिक्री तो पहले से ही बंद की जा चुकी है। अब जब स्थिति पहले लॉकडाउन जैसी बनती नजर आ रही है, तो एक बार पिछले लॉकडाउन की स्थिति को भी समझते हैं।

पिछले साल लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पूरे महाराष्ट्र से 844 ट्रेनों से जून 2020 के पहले सप्ताह तक कुल 18 लाख श्रमिकों को उनके प्रदेश भेजा गया था। बिहार या उत्तर प्रदेश ही नहीं, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए भी ट्रेनें चलाई गई थीं। इन 18 लाख लोगों में से लगभग 10 लाख लोगों ने मुंबई से पलायन किया था।

जब देश में अनलॉक की घोषणा हुई तब, लोगों की मुंबई वापसी भी शुरू हुई। जुलाई के अंत तक करीब 5 लाख लोग मुंबई लौट चुके थे। इनमें से करीब चार लाख यात्री यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल से आए हैं। साल के अंत तक लगभग सभी प्रवासी मजदूर मुंबई लौट चुके थे। यहां ये बताना जरूरी है कि मजदूरों के पलायन और वापसी में कितना वक्त लगा था।

महाराष्ट्र में 1 अप्रैल 2021 से बंधन लगने शुरू हुए हैं। पश्चिम रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 12 अप्रैल 2021 तक कुल 196 ट्रेनों में 4,32,963 लोगों ने असम, यूपी, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर यात्रा की है। इनमें से यूपी और बिहार के लिए कुल 150 ट्रिप चलाई गई हैं, जिनसे कुल 3,22,944 लोगों ने यात्रा की है। औसत निकालें, तो यूपी बिहार की प्रत्येक ट्रिप में औसतन 2152 लोगों ने यात्रा की। एक 24 डिब्बों की ट्रेन में औसतन 89 यात्रियों ने सफर किया। यदि कोच एलएचबी है, तो 80 सीट और यदि पारंपरिक है, तो 72 सीट। इनमें आरएसी टिकट धारी भी शामिल हैं।

जिस तरह पश्चिम रेलवे द्वारा 1 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आंकड़ों के साथ स्थिति बताई गई, वैसी स्थिति मध्य रेलवे की नहीं है। मध्य रेलवे द्वारा जो आंकड़े दिए जा रहे हैं इसके अनुसार, रोजाना उत्तर और पूर्व भारत के लिए 28 ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इनमें से 18 ट्रेनें नियमित हैं और दस ट्रेनें स्पेशल हैं। मध्य रेलवे के अनुसार प्रत्येक ट्रेन से 1400 यात्रियों को भेजा जा रहा है, जबकि पश्चिम रेलवे का औसत 2152 यात्री प्रति ट्रेन है। मध्य रेलवे के अनुसार, पिछले 14 दिनों में करीब 3.5 लाख यात्री मुंबई से गए हैं। इस महीने के अंत तक 4 लाख और यात्री इंतजार में हैं। मध्य रेलवे ने 115 स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है।


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